देहरादून, छह जुलाई (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को कहा कि जबरन धर्मान्तरण पर रोक और जनसांख्यिकीय बदलाव की पृष्ठभूमि में सरकार के प्रयासों के साथ ही जन सहयोग भी जरूरी है।
यहां ‘विकसित उत्तराखण्ड @2047, सामूहिक संवाद-पूर्व सैनिकों के साथ’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा, ‘‘जबरन धर्मान्तरण (पर रोक) व जनसांख्यिकीय परिवर्तन (की पृष्ठभूमि) पर हमारी सरकार के प्रयासों के साथ जन सहयोग एवं कानूनी रूप से शिकायत हेतु जन जागरूकता भी आवश्यक है।’’
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उनकी सरकार ने दंगा रोधी सख्त कानून लागू करने के साथ ही भूमि अतिक्रमण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई व समान नागरिक संहिता जैसे साहसिक कदम उठाये हैं, लेकिन सरकार के इन साहसिक प्रयासों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए व्यापक जनसहयोग अपेक्षित है।’’
उन्होंने कार्यक्रम के दौरान उपस्थित भूतपूर्व सैनिकों से राज्य के सम्रग विकास के लिए बातचीत की एवं उनके सुझाव भी लिये।
धामी ने कहा कि वह स्वयं भी एक फौजी के पुत्र हैं और इस कारण उन्होंने सैनिकों एवं उनके परिवार की समस्याओं और चुनौतियों को नजदीक से देखा है। उन्होंने कहा कि इसलिए उनका प्रयास है कि यही भाव उनकी सरकार के काम में भी दिखे। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार सैनिकों एवं उनके परिजनों के उत्थान के लिए लगातार कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री धामी ने पूर्व सैनिकों को राष्ट्र-प्रहरी के साथ पर्यावरण प्रहरी भी बनने को कहा। धामी ने बताया कि वन विभाग को हर डिवीजन में 1000 पेड़ लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए ‘एक पेड़ अपनी मां के नाम’ अभियान का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आप जहां भी पेड़ लगाएंगे, उसके फलने फूलने की गारंटी भी सदा रहेगी, क्योंकि आप एक सैनिक होने के नाते हमेशा उसका ख्याल भी रखेंगे।’’
धामी ने कहा कि राज्य में गत दो माह में आने वाले पर्यटकों की संख्या 38 लाख से अधिक हो गई है, जबकि राज्य में बेरोजगारी दर 4.2 प्रतिशत से कम हो गई है जो राष्ट्रीय औसत से कम है।
भाषा दीप्ति अमित
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