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शनिवार, 26 अप्रैल, 2025
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अल्लूरी सीताराम राजू की भूमिका भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में एक गौरवशाली अध्याय: राष्ट्रपति मुर्मू

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(फोटो के साथ)

हैदराबाद, चार जुलाई (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को स्वतंत्रता सेनानी अल्लूरी सीताराम राजू को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए इतिहासकारों और बुद्धिजीवियों से आग्रह किया कि देशवासियों, विशेष रूप से युवा पीढ़ी को उनके जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान से अवगत कराएं।

सीताराम राजू की 125वीं जयंती समारोहों के समापन कार्यक्रम में यहां शामिल हुईं मुर्मू ने कहा कि अन्याय और शोषण के खिलाफ उनकी (राजू की) लड़ाई तथा 27 वर्ष की आयु में दिया गया बलिदान भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में एक गौरवशाली अध्याय है।

उन्होंने कहा कि पूरे देश के लिए आत्म-सम्मान और बलिदान के प्रतीक भगत सिंह की तरह ही सीताराम राजू राष्ट्र के लिए अपने प्राण न्योछावर करने को लेकर देशवासियों की स्मृति में सदा बने रहेंगे।

तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन, केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी, मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव सहित अन्य गणमान्य लोग कार्यक्रम में शामिल हुए।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सीताराम राजू के वर्षभर चलने वाले 125वें जयंती समारोह की शुरूआत पिछले साल चार जुलाई को आंध्र प्रदेश के भीमावरम में की थी।

सीताराम राजू का जन्म चार जुलाई 1897 को हुआ था। उन्हें (आंध्र प्रदेश के) पूर्वी घाट क्षेत्र में आदिवासी समुदायों के हितों की रक्षा के लिए ब्रिटिश शासन के खिलाफ उनकी लड़ाई को लेकर याद किया जाता है।

उन्होंने रम्पा विद्रोह का नेतृत्व किया, जो 1922 में शुरू हुआ था। उन्हें स्थानीय लोग ‘मानयम वीरुदु’ (जंगल का नायक) कहते हैं।

भाषा सुभाष वैभव

वैभव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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