ईटानगर , 21 जनवरी (भाषा) अरूणाचल प्रदेश के सांसद तापिर गाव द्वारा चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के एक किशोर को अगवा करने की बात कहे जाने के दो दिन बाद अपर सियांग जिले के अधिकारियों ने कहा है कि शीर्ष अधिकारियों ने उनसे जो भी सूचनाएं मांगी थीं वो उन्होंने उपलब्ध करा दी हैं और वे अब 17 वर्षीय किशोर की वापसी का इंतजार कर रहे हैं।
अपर सियांग के उपायुक्त शाश्वत सौरभ ने बताया कि जिले के जिडो गांव के मिराम तरोन नाम के इस किशोर को 18 जनवरी को सियुंगला क्षेत्र के जंगल से कथित रूप से अगवा कर लिया गया था, वह अपने दोस्त जॉनी यायिंग के साथ शिकार करने गया था।
सौरभ ने यह भी बताया कि उन्हें यायिंग से पता चला है कि जब बिशिंग गांव के समीप सियंगुला क्षेत्र में उन्हें चीनी सैनिकों ने घेरा था, तब करीब-करीब अंधेरा हो चला था।
उन्होंने कहा, ‘‘ यायिंग किसी तरह वहां से बच निकला लेकिन तरोन के बारे में अबतक पता नहीं चल पाया है। चूंकि यह जगह सेना के अधिकार क्षेत्र में आती है तो इस मामले से उच्चतर स्तर पर निपटा जाएगा। हमने शीर्ष अधिकारियों को सभी सूचनाएं दे दी हैं।’’
बिशिंग भारत-चीन सीमा के समीप आखिरी भारतीय गांव है जो सियांग नदी की बाएं किनारे की तरफ है। यह गांव जिला मुख्यालय यिंगकियोंग से करीब 260 किलोमीटर दूर है।
मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने बृहस्पतिवार को कहा था कि विदेश मंत्रालय ने युवक को घर वापस लाने के लिए पहले ही चीन के साथ राजनयिक वार्ता शुरू कर दी है। उन्होंने कहा था, ‘‘ मैं आशावान हूं कि कुछ दिनों में इस लड़के को छोड़ दिया जाएगा। ’’
प्रदेश कांग्रेस के विधायक और पूर्व केंद्रीय मंत्री निनोंग इरिंग ने भी केंद्र से तरोन की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने की अपील की है। उन्होंने कहा, ‘‘ हमारा चीन से कोई लेना-देना नहीं है तथा विदेश मंत्रालय एवं रक्षा मंत्रालय को तत्काल एवं उपयुक्त कदम उठाना चाहिए ताकि ऐसी घटना की भविष्य में पुनरावृति न हो।
कल चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि उसे ऐसी किसी घटना की जानकारी नहीं है और पीएलए सीमा की निगरानी करती है एवं किसी भी “अवैध प्रवेश एवं निकास” के विरूद्ध कार्रवाई करती है।
सितंबर 2020 में पीएलए ने अरुणाचल प्रदेश के अपर सुबनसिरी जिले से पांच युवकों का अपहरण कर लिया था और लगभग एक सप्ताह के बाद उन्हें छोड़ा था।
भाषा राजकुमार प्रशांत
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