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Friday, 22 November, 2024
होमदेशउत्तराखंड के स्कूल में जातिगत विवाद के बाद सभी छात्रों ने एक साथ खाया मिड-डे-मील

उत्तराखंड के स्कूल में जातिगत विवाद के बाद सभी छात्रों ने एक साथ खाया मिड-डे-मील

चंपावत के जिलाधिकारी विनीत तोमर ने बताया कि विवाद शुरू होने के बाद पहली बार छठी से आठवीं तक की कक्षा में पढ़ने वाले विद्यालय के सभी 66 छात्रों ने एक साथ मध्याह्न भोजन किया.

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पिथौरागढ़ः उत्तराखंड के चंपावत जिले में एक माध्यमिक विद्यालय में जातिगत विवाद खड़ा होने के बाद सोमवार को पहली बार छठीं से आठवीं कक्षा तक के सभी 66 विद्यार्थियों ने एक बावर्ची द्वारा बनाया गया मध्याह्न भोजन खा लिया.

विवाद को सुलझाने के लिए जिला प्रशासन ने रविवार को सभी बच्चों के अभिभावकों के साथ बैठक कर आम सहमति बनाई थी.

चंपावत के जिलाधिकारी विनीत तोमर ने बताया कि विवाद शुरू होने के बाद पहली बार छठी से आठवीं तक की कक्षा में पढ़ने वाले विद्यालय के सभी 66 छात्रों ने एक साथ मध्याह्न भोजन किया.

दो दिन की छुट्टी के बाद सोमवार को विद्यालय फिर से खुला.

यह विवाद तब शुरू हुआ था, जब अगड़ी जाति के छात्रों ने 13 दिसंबर को विद्यालय में एक दलित ‘भोजनमाता’ (बावर्ची) द्वारा पकाए गए मध्याह्न भोजन को लेने से इनकार कर दिया था. इस घटना के बाद दलित महिला की जगह अगड़ी जाति की महिला को काम पर रखा गया, लेकिन विद्यालय के दलित छात्रों ने इसके जवाब में 23 दिसंबर को अगड़ी जाति की महिला द्वारा बनाया गया भोजन खाने से इनकार दिया, जिसके बाद जिला प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ा.

जिला शिक्षा अधिकारियों ने दलित ‘भोजनमाता’ को बर्खास्त करने के लिए प्रक्रियात्मक खामियों को आधार बनाया था. जिलाधिकारी ने कहा, ‘तीन सदस्यीय जांच कमेटी की जांच पूरी होने तक सभी अभिभावक अपने बच्चों को मध्याह्न भोजन देने पर राजी हो गए हैं.’ उन्होंने कहा कि सोमवार को छात्रों ने मध्याह्न भोजन किया.


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