नयी दिल्ली, 23 नवंबर (भाषा) भारतीय भाषा समिति के अध्यक्ष और पद्मश्री से सम्मानित प्रोफेसर चमू कृष्ण शास्त्री ने शनिवार को कहा कि विद्या से ही मनुष्य का सर्वांगीण विकास संभव है, क्योंकि इसके माध्यम से ही मनुष्य के अंदर सही और गलत को समझने की शक्ति उत्पन्न होती है।
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) के 35वें स्थापना दिवस पर यहां विज्ञान भवन में आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए प्रो. शास्त्री ने शिक्षा के महत्व को रेखांकित किया। प्रो. शास्त्री ने कहा, ”तीन तरह की शक्तियां होती हैं– ज्ञान, क्रिया और इच्छा शक्ति। जब देश को भव्य बनाने की इच्छा शक्ति जागृत होगी, तभी देश विश्व गुरु बनेगा। इस तरफ देश के शिक्षार्थियों का ध्यान दिलाने की आवश्यकता है।”
उन्होंने कहा, ”संस्कार से लोग सनातन धर्म के संस्कार का तात्पर्य लेते हैं, जबकि इसका एक और अर्थ है, दोष को मिटाकर गुणों का विकास करना है।”
एनआईओएस के अध्यक्ष प्रोफेसर पंकज अरोड़ा ने कहा कि संस्थान ने भारतीय ज्ञान परंपरा और देशज ज्ञान के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किया है और सभी विषयों में उत्कृष्ट विषयवस्तु को समाहित किया जा रहा है। एनआईओएस सुदूर स्थानों तक शिक्षा की उपलब्धता के लिए प्रतिबद्ध है।
कार्यक्रम में एनआईओएस के नए पाठ्यक्रम नाट्यकला का विमोचन भी किया गया।
(भाषा) पवनेश दिलीप
दिलीप
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