नयी दिल्ली, आठ मार्च (भाषा) विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि युद्धग्रस्त यूक्रेन के सूमी शहर से सभी भारतीय छात्रों को निकाल लिया गया है और ‘ऑपरेशन गंगा’ अभियान के तहत उड़ानों से उन्हें भारत वापस लाया जायेगा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि सूमी से बाहर निकाले गए भारतीय छात्रों को पोलतावा ले जाया जा रहा है, जहां से वे पश्चिमी यूक्रेन के लिए ट्रेनों में सवार होंगे। पोलतावा सूमी से लगभग 175 किलोमीटर की दूरी पर है।
बागची ने ट्वीट किया, ‘‘यह सूचित करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि हमने सूमी से सभी भारतीय छात्रों को निकाल लिया है। वे अभी पोलतावा शहर के लिए रास्ते में हैं जहां से वे पश्चिमी यूक्रेन के लिये ट्रेनों में सवार होंगे।’’ उन्होंने कहा कि ऑपरेशन गंगा अभियान के तहत उड़ानों से उन्हें भारत वापस लाया जायेगा।
बागची ने हालांकि इस बात का उल्लेख नहीं किया कि छात्रों को किस सीमा चौकी के जरिये और कब यूक्रेन से बाहर निकाला जायेगा ताकि वे भारत वापसी के लिये उड़ान में सवार हो सकें।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने ट्वीट के साथ एक वीडियो भी साझा किया जिसमें भारतीय छात्रों को खड़ी बसों के पास जलपान करते देखा जा सकता है।
वहीं, यूक्रेन में भारतीय दूतावास द्वारा जारी परामर्श में यूक्रेन में फंसे सभी भारतीय नागरिकों से देश के विभिन्न हिस्सों में घोषित मानवीय गलियारे का उपयोग करने तथा सुरक्षा स्थिति के मद्देनजर ट्रेन, वाहन या अन्य माध्यमों के जरिये बाहर निकलने का आग्रह किया गया है। यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों में फंसे लोगों को निकालने के लिए आठ मार्च, 2022 को सुबह 1000 बजे से मानवीय गलियारे की घोषणा की गई है।
परामर्श में कहा गया है कि सुरक्षा स्थिति के मद्देनजर अगले मानवीय गलियारे की स्थापना अनिश्चित है। परामर्श के अनुसार, ‘‘सभी फंसे हुए भारतीय नागरिकों से इस अवसर का उपयोग करने और ट्रेनों/वाहनों या परिवहन के किसी अन्य उपलब्ध साधन का उपयोग करके सुरक्षा के मद्देनजर वहां से निकलने का आग्रह किया जाता है।’’
इस बीच, यूक्रेन में भारतीय राजदूत पार्थ सत्पथी ने लवीव के मेयर एंड्री सदोवी और साथ ही शहर के गवर्नर मैक्सिम कोजित्स्की से मुलाकात की और भारतीयों को निकालने के मुद्दे पर चर्चा की।
दूतावास ने ट्वीट किया, ‘‘राजदूत ने लवीव के गवर्नर मैक्सिम कोजित्स्की के साथ चर्चा की। राजदूत ने लवीव में व्यवस्था के लिए गवर्नर को धन्यवाद दिया और यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए निरंतर समर्थन का अनुरोध किया।’’ भारतीय राजदूत ने निकासी प्रयासों में समर्थन के लिए सदोवी को धन्यवाद व्यक्त किया।
विदेश विभाग ने हंगरी, रोमानिया और पोलैंड में भारतीयों निकासी की सुविधा के लिए पश्चिमी यूक्रेन के लवीव और चेर्निवत्सि शहरों में कार्यालय स्थापित किए हैं।
भारत, 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूस के हमले शुरू होने के बाद से पूर्वी यूरोपीय देश में फंसे 17,100 से अधिक भारतीय छात्रों को अब तक वापस ले आया है। सूमी में रूसी और यूक्रेनी सैनिकों के बीच कई दिनों से जंग चल रही है।
इससे पहले, केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को कहा कि युद्धग्रस्त यूक्रेन के सूमी शहर से भारतीय छात्रों को निकालना शुरू कर दिया गया है। उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘मैंने नियंत्रण कक्ष में बात की है, बीती रात तक सूमी में 694 भारतीय छात्र थे। वे सभी आज बसों से पोलतावा के लिए रवाना हो गए हैं।’’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से फोन पर बात की थी और सूमी से भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकालने के तरीकों पर चर्चा की थी, जो पूर्वी यूरोपीय देश पर रूस के हमले के बाद वहां फंस गए हैं।
यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने सोमवार को कहा था कि सूमी में फंसे भारतीय छात्रों की पोलतावा से होते हुए पश्चिमी सीमाओं तक सुरक्षित निकासी में समन्वय के लिए मिशन का एक दल पोलतावा शहर में तैनात है।
वहीं, यूक्रेन पर रूस के हमले के विरोध में दिल्ली में गांधीवादी संगठनों के एक समूह ने मंगलवार को प्रदर्शन किया। महात्मा गांधी के स्मारक राजघाट के पास एक सड़क पर कई लोग धरने पर बैठे, जिनमें से कुछ लोग ‘युद्ध नहीं’ लिखे पोस्टर लिए थे। राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय के निदेशक ए अन्नामलाई ने कहा, ‘‘युद्ध के खिलाफ और यूक्रेन के लोगों के साथ एकजुटता के साथ गांधीवादी संगठनों ने आज प्रदर्शन किया।’’
भाषा सुरभि रंजन
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