नयी दिल्ली/मुंबई, 13 जुलाई (भाषा) संजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय टीम पिछले महीने गुजरात के अहमदाबाद में एअर इंडिया के विमान दुर्घटना की जांच कर रही है।
इस दुर्घटना में 260 लोग मारे गए थे।
विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) के निदेशक सिंह प्रभारी जांचकर्ता हैं और उप निदेशक जसबीर सिंह लारगा मुख्य जांचकर्ता हैं।
जांच दल में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के तीन अधिकारी उप निदेशक विपिन वेणु वरकोठ, सहायक निदेशक वीरराघवन के और वायु सुरक्षा अधिकारी वैष्णव विजयकुमार भी शामिल हैं।
गत 12 जून को, एअर इंडिया का विमान अहमदाबाद से उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसमें विमान में सवार 241 यात्रियों समेत 260 लोगों की मौत हो गई थी। एक यात्री दुर्घटना में बच गया था।
एएआईबी ने शुक्रवार देर रात एअर इंडिया विमान दुर्घटना पर अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट दी।
एएआईबी ने कहा कि ड्रोन फोटोग्राफी/वीडियोग्राफी सहित मलबा स्थल की गतिविधियां पूरी हो चुकी हैं और मलबे को हवाई अड्डे के पास एक सुरक्षित क्षेत्र में ले जाया गया है।
यहां जांचकर्ताओं का संक्षिप्त विवरण दिया गया है
संजय कुमार सिंह
एएआईबी में निदेशक के रूप में, सिंह को विमान दुर्घटना जांच और सुरक्षा क्षेत्र में 15 वर्षों का अनुभव है।
सिंह (56) 15 दुर्घटनाओं/गंभीर घटनाओं की जांच के प्रबंधन में शामिल रहे हैं। उनके पास (मैकेनिकल इंजीनियरिंग) एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग विशेषज्ञता में स्नातक की डिग्री और एमबीए की डिग्री है।
जसबीर सिंह लारगा
एक दशक से एएआईबी के साथ, लारगा 2020 में कोझीकोड में हुए विमान दुर्घटना समेत विभिन्न विमान दुर्घटना जांच में शामिल रहे हैं। उन्होंने डीजीसीए के साथ-साथ पवन हंस और ‘हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड’ के साथ भी काम किया है।
एएआईबी में, और डीजीसीए में अपने कार्यकाल के दौरान, वह कई विमान दुर्घटना/गंभीर घटना जांच से जुड़े रहे हैं, जिसमें 2020 में कोझीकोड एअर इंडिया एक्सप्रेस विमान दुर्घटना, 2016 में गोवा हवाई अड्डे पर तत्कालीन जेट एयरवेज विमान का रनवे पर फिसलना और 2019 में मेंगलुरु हवाई अड्डे पर टैक्सीवे पर दुबई से आए एअर इंडिया एक्सप्रेस विमान का फिसलना शामिल है।
विपिन वेणु वरकोठ
वरकोठ सात साल से ज्यादा समय से मुंबई स्थित डीजीसीए में हवाई सुरक्षा के सहायक निदेशक हैं। उनके लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, उन्होंने लगभग सात साल तक हवाई सुरक्षा अधिकारी के रूप में भी काम किया है।
वीराराघवन के
वह लगभग चार वर्षों से मुंबई स्थित डीजीसीए में वायु सुरक्षा के सहायक निदेशक के रूप में कार्यरत हैं। इससे पहले, उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में नौ वर्षों तक वायु सुरक्षा अधिकारी के रूप में कार्य किया था।
लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, वीराराघवन ने चेन्नई में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के साथ एक एनैलिसिस इंजीनियर के रूप में भी एक वर्ष से अधिक समय तक काम किया है।
वैष्णव विजयकुमार
वह डीजीसीए में वायु सुरक्षा अधिकारी हैं और विभिन्न विमान दुर्घटना/घटना जांच का हिस्सा रहे हैं।
एएआईबी के महानिदेशक जी.वी.जी. युगंधर ने 12 जून को हुई दुर्घटना की जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम नियुक्त की थी।
भाषा
देवेंद्र प्रशांत
प्रशांत
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