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Sunday, 5 May, 2024
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एआईसीटीई ने यूजी परीक्षाओं के अंकों के आधार पर एमबीए और पीजीडीएम में दाखिला देने की अनुमति दी

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह रियायत सिर्फ शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए है और इसे भविष्य के शैक्षणिक वर्षों के वास्ते मिसाल के तौर पर न देखा जाए.

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नई दिल्ली: एआईसीटीई ने कहा है कि एमबीए और पीजीडीएम पाठ्यक्रमों की पढ़ाई कराने वाले संस्थानों को स्नातक परीक्षाओं में हासिल अंकों के आधार पर ही विद्यार्थियों को दाखिला देने की अनुमति दी गई है क्योंकि कोविड-19 के मद्देनज़र कई प्रवेश परीक्षाओं का आयोजन नहीं हो सका है.

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह रियायत सिर्फ शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए है और इसे भविष्य के शैक्षणिक वर्षों के वास्ते मिसाल के तौर पर न देखा जाए.

एआईसीटीई सदस्य सचिव राजीव कुमार ने कहा, ‘कैट, जैट, सीमैट, एटीएमए, मैट, जीमैट जैसी अखिल भारतीय परीक्षाएं और संबंधित राज्यों की सामान्य प्रवेश परीक्षाएं एमबीए या पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट (पीजीडीएमए) पाठ्यक्रमों के लिए दाखिला परीक्षाएं हैं. कई राज्यों में इनमें से कुछ परीक्षाएं कोरोनावायरस संक्रमण के प्रसार के डर से आयोजित नहीं हो सकीं और इस बात के कोई संकेत नहीं हैं कि ये परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं या फिर आयोजित होंगी या रद्द कर दी गई हैं.’

परिषद ने संस्थानों को निर्देश दिया है कि अगर सीटें खाली हैं तो स्नातक परीक्षाओं के अंक के आधार पर मेधा सूची तैयार की जाए और उसके अनुसार दाखिला दिया जाए.

देश भर में विश्वविद्यालय और स्कूल 16 मार्च से बंद हैं. केंद्र सरकार ने कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए देशभर में कक्षाओं के आयोजन पर रोक लगा दी थी. इसके बाद देश भर में 25 मार्च से बंद लागू किया गया था. इसके बाद से प्रतिबंधों में कई तरह की छूटें दी गईं लेकिन स्कूल और कॉलेज अब भी बंद हैं.


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