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Thursday, 28 March, 2024
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अग्निपथ प्रदर्शनों से बिहार में लगी आग, JD-U, HAM जैसे सहयोगियों से अलग थलग महसूस कर रही है BJP

बिहार की BJP इकाई ने नीतीश कुमार की राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि उसके दफ्तर में हुई तोड़फोड़ को रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई. JD-U का कहना है कि सहयोगियों को मनाने के लिए BJP पर्याप्त प्रयास नहीं कर रही है.

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पटना: केंद्र सरकार की अग्निपथ भर्ती के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों से बिहार में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और उसके सहयोगियों के रिश्तों में दरार पैदा हो रही है. बिहार एक ऐसी जगह के रूप में उभर रहा है जहां इस मुद्दे को लेकर सड़कों पर सबसे तीखे प्रदर्शन देखे जा रहे हैं.

केंद्र सरकार की अग्निपथ स्कीम एक अल्प-कालिक भर्ती योजना है, जिसमें 17.5 से 21 वर्ष तक के युवकों की चार साल के लिए भारत के सशस्त्र बलों में ‘अग्निवीरों’ के तौर पर भर्ती का प्रस्ताव है.

इस स्कीम ने पूरे देश में रोष पैदा कर दिया है- जिसमें बिहार तथा उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक हिंसक प्रदर्शन देखे जा रहे हैं.

बिहार में प्रदर्शनकारियों द्वारा तोड़फोड़ और रेलवे संपत्ति में आग लगाने तक की घटनाओं के बीच, राज्य की भारतीय जनता पार्टी इकाई अपने सहयोगियों- जनता दल युनाइटेड, जो केंद्र में बीजेपी की सबसे बड़ी गठबंधन सहयोगी है, और हिंदुस्तान अवामी मोर्चा (एचएएम)- से ख़ुद को अलग-थलग महसूस कर रही है.

जेडी-यू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह, जो ललन सिंह के तौर पर भी जाने जाते हैं, उन्होंने दिप्रिंट को बताया, ‘जब से केंद्र ने अग्निपथ स्कीम का ऐलान किया तभी से युवाओं में रोष है, जिसके नतीजे में देशभर में कई जगह हिंसा देखी गई. हम केंद्र से अपील करते हैं कि या तो योजना को रद्द करदे, या फिर युवाओं को आश्वस्त करे कि इस स्कीम से उनके भविष्य पर असर नहीं पड़ेगा’.

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दूसरी ओर बीजेपी ने आरोप लगाया है कि जेडी (यू) प्रमुख नीतीश कुमार की राज्य सरकार ने बीजेपी दफ्तरों में बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ और आगज़नी की घटनाओं को रोकने के लिए कोई ख़ास प्रयास नहीं किए.

प्रदेश बीजेपी प्रमुख संजय जयसवाल ने शनिवार को एक प्रेस कॉनफ्रेंस बुलाई, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया, कि जिस समय भीड़ मधेपुरा में बीजेपी के ज़िला कार्यालय में आग लगा रही थी, तो राज्य पुलिस मूल दर्शक बनी हुई थी.

जयसवाल ने प्रेस को बताया, ‘मधेपुरा में जब बीजेपी कार्यकर्त्ताओं ने कहा कि उनके ज़िला कार्यालय में ग़ुण्डों द्वारा लगाई गई आग को बुझाया जाए, तो उनसे कहा गया कि फायर ब्रिगेड वैन तभी आएगी जब स्थानीय सब-डिवीज़नल ऑफिसर इसकी अनुमति दे देंगे. जिस समय (मधेपुरा) में ऑफिस जलाया जा रहा था तो 300 पुलिसकर्मी मूक दर्शक बने हुए थे. हमारे पास सुबूत हैं कि कई जगहों पर पुलिसकर्मियों ने वास्तव में हिंसा में हिस्सा लिया. हम पूछना चाहेंगे कि ऐसे पुलिसकर्मियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है’.

दूसरी ओर, जेडी(यू) ने इसके लिए केंद्र सरकार को ज़िम्मेवार ठहरा दिया. सिंह ने दिप्रिंट से कहा, ‘प्रशासन का बीजेपी या जेडी(यू) से कोई लेना-देना नहीं है. बिहार सरकार और प्रशासन दोनों अपना काम कर रहे हैं. जयसवाल ने यूपी और एमपी की बीजेपी सरकारों से क्यों नहीं कहा कि प्रदर्शनकारियों को गोली मार दी जाए?’

अपनी ओर से बिहार के एडीजी (क़ानून व्यवस्था) संजय कुमार सिंह ने दावा किया कि पुलिस ने प्रदर्शनों के सिलसिले में 600 केस दर्ज किए हैं.

कुमार ने कहा, ‘आज भी, हमने 110 लोगों को गिरफ्तार किया है जो पहली 12 फर्स्ट इनफर्मेशन रिपोर्ट्स में नामज़द हैं’.

BJP के आरोप

बीजेपी का दावा है कि मधेपुरा के अलावा, उसके चार से अधिक कार्यालय- जो नवादा, बेतिया, और जहांनाबाद में स्थित हैं- पिछले तीन दिन में आग के हवाले कर दिए गए हैं. बीजेपी विधायक अरुणा देवी ने दिप्रिंट को बताया कि इसके अलावा आधा दर्जन पार्टी विधायक, जिनमें प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष संजय जयसवाल और उप-मुख्यमंत्री रेणु देवी शामिल हैं, भीड़ के हमले का निशाना बने हैं.

उन्होंने कहा, ‘जब भीड़ छपरा ज़िले में वरिष्ठ बीजेपी विधायक सीएन गुप्ता के घर पर चढ़ाई कर रही थी, तो हताश विधायक अपना घर बचाने के लिए पुलिस से संपर्क साध रहे थे. लेकिन एक भी पुलिसकर्मी वहां नहीं आया. इसी तरह, 17 जून को पश्चिम चंपारन ज़िले में, जब प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष संजय जयसवाल और उप-मुख्यमंत्री रेणु देवी के घरों पर हमला किया गया, तो पुलिस देरी से पहुंची. पुलिस तब पहुंची जब भीड़ उप-मुख्यमंत्री रेणु देवी के घर पर तोड़-फोड़ करके वहां से जा चुकी थी’.

‘नवादा में भी, जब हमारा ऑफिस जल रहा था तो पुलिस मूक दर्शक बनकर खड़ी हुई थी’.

अलग-थलग

प्रदर्शनों के गहराने के साथ ही बीजेपी बिहार में ख़ुद को अलग-थलग महसूस कर रही है. बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी नेतृत्व की केंद्र सरकार से स्कीम पर फिर से विचार करने को कहा है, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री और एचएएम प्रमुख जीतन राम मांझी ने शुक्रवार को एक बयान जारी करके स्कीम को वापस लिए जाने की मांग की, और कहा कि उनकी पार्टी प्रदर्शनकारियों के साथ है. उन्होंने लगभग उस बंध का समर्थन किया है, जिसका विरोधी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने शनिवार को आह्वान किया है.

जेडी(यू) के एक विधान सभा सदस्य ने, जो अपना नाम छिपाना चाहते थे, दिप्रिंट से कहा, ‘अगर आप अपने सहयोगियों को ही राज़ी नहीं कर पा रहे, तो फिर युवाओं को कैसे राज़ी करेंगे’.

जयसवाल ने कहा कि उनकी पार्टी अपने सहयोगियों के साथ बैठकर अग्निपथ स्कीम के बारे में उन्हें समझाने को तैयार है, लेकिन उन्हें बताना होगा कि उन्हें इस बारे में क्या विशेष आपत्तियां हैं.

उन्होंने दिप्रिंट से कहा, ‘स्कीम सेना की नौकरियां नहीं छीनेगी. ये युवाओं को अतिरिक्त अवसर देती है’.


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अधिक हिंसा

विरोध प्रदर्शन शनिवार को भी जारी रहे, और जहांनाबाद में  प्रदर्शनकारियों ने बसों तथा ट्रकों को आग के हवाले कर दिया.

मुंगेर में सीमा विकास संगठन के एक वाहन पर हमला किया गया, और अरवल में एक एंब्युलेंस के साथ तोड़फोड़ की गई.

पटना के कुछ हिस्सों में हिंसक प्रदर्शनों के चलते पुलिस को मजबूरन फायरिंग करनी पड़ी.

वायरल हो रहे वीडियोज़ में राजनीतिक कार्यकर्त्ताओं को कुछ शोरूम्स पर हमला करते हुए देखा जा सकता था.

अब बीजेपी प्रदेश मुख्यालय तथा 10 बीजेपी नेताओं को सुरक्षा मुहैया कराई गई है, जिनमें दोनों उप-मुख्यमंत्री तथा संजय जयसवाल को अब केंद्रीय बलों की सुरक्षा दी गई है.

राजनीतिक पार्टियों के कई छात्र संगठनों द्वारा प्रदेशव्यापी बंध का आह्वान किए जाने के बाद, बिहार सरकार ने शुक्रवार शाम 12 ज़िलों तथा पटना के कुछ इलाक़ों में इंटर्नेट सेवाएं स्थगित कर दीं

रेलवे स्टेशनों पर फंसे

प्रदर्शनों की वजह से भारतीय रेलवे ने शनिवार को 369 ट्रेनें रद्द कर दी हैं. प्रदर्शनों के चलते पिछले 3 दिनों से हज़ारों यात्री पटना रेलवे स्टेशन पर फंसे हुए हैं. इलाक़े में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है, और उसकी सहायता के लिए दंगा रोधी वाहन भी भेजे गए हैं.

पिंटू और उसका चार सदस्यों का परिवार पिछले तीन दिन से पटना रेलवे स्टेशन पर फंसे हुए हैं.

शेखपुरा का एक प्रवासी श्रमिक पिंटू वापस राजस्थान के अलवर जाने का इंतज़ार कर रहा है, जहां वो फिलहाल काम करता है. भोजन सप्लाई कम हो गई  है और वो तथा उसका परिवार अब स्टेशन के समोसों के सहारे हैं.

पिंटू ने जिसका बस यही नाम है दिप्रिंट से कहा, ‘हम एक दिन और इंतज़ार करेंगे और फिर हम घर लौट जाएंगे. हमें नहीं पता कि इसमें कितना समय लगेगा’.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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