नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के 7-8 जिलों में अब तक 400 कौवों की वायरस इंफेक्शन से मरने की खबर है. वायरस किसी पोल्ट्री में नहीं मिला है. यह हवा के जरिए फैला बताया जा रहा है. इसके लिए कोई वैक्सीन नहीं है. एमपी के पशुपालन विभाग के डायरेक्टर डॉ. आरके रोकड़े ने यह जानकारी दी है.
रोकड़े का मानना है कि यह वायरस राजस्थान से यहां पहुंचा हैं.
बता दें कि राजस्थान में भी वायरस से पक्षियों की मौत लगातार हो रही है.
Nearly 400 crows have died due to viral infection so far in 7-8 districts of Madhya Pradesh. The virus is not found in poultry, it is airborne and there is no vaccine for it. We believe it came from Rajasthan: Dr RK Rokde, Director of Animal Husbandry Department, MP pic.twitter.com/ing7PzbZ30
— ANI (@ANI) January 5, 2021
राजस्थान में पक्षियों की मौत का सिलसिला जारी
वहीं राजस्थान के कई जिलों में पक्षियों की मौत का सिलसिला जारी है. रविवार को विभिन्न जिलों में 170 से अधिक पक्षियों की मौत हो गई.
पशुपालन विभाग के अनुसार राज्य में 425 से अधिक कौवों, बगुलो और अन्य पक्षियों की मौत हुई है.
झालावाड़ के पक्षियों के नमूनों को जांच के लिये भोपाल के राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान भेजा गया था जिसमें बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी जबकि अन्य जिलों के पक्षियों की मौत के नमूनों की जांच के परिणाम अभी तक नहीं मिले हैं.
पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. विरेन्द्र सिंह ने बताया, ‘राज्य के विभिन्न हिस्सों में अभी तक 425 पक्षियों की मौत हुई है उनमें अधिकतर कौवे हैं. केवल झालावाड़ा में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है. अन्य स्थानों में मौत के नमूनों की जांच की रिपोर्ट अभी तक नहीं मिली है.’
पक्षी विशेषज्ञों का कहना है कि पक्षी ठंड के कारण मर रहे हैं. माइक्रोबायोलॉजिस्ट और राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ वेटरनरी साइंसेज के पूर्व प्रोफेसर डॉ ए.के. कटारिया ने कहा कि महामारी विज्ञान में मौत के पैटर्न का मूल्यांकन महत्वपूर्ण है और यह सुझाव देता है कि ठंड के कारण मौतें हुई हैं.
उन्होंने कहा कि हालांकि उन्होंने जांच रिपोर्ट नहीं देखी है लेकिन मौतों का पैटर्न ठंड के झटके से मौत का सुझाव देता है क्योंकि एवियन इन्फ्लूएंजा के स्पष्ट लक्षण हैं. डॉ कटारिया ने बताया कि अधिकतर मौत कौवों की हुई हैं और अभी तक पोल्ट्री पक्षियों की नहीं हुई है.
पशुपालन विभाग के अनुसार रविवार को बीकानेर में 80, सवाईमाधोपुर में 42, कोटा-बांरा में 12-12, पाली-जयपुर में 8-8, दौसा में छह, जोधपुर में पांच और झालवाड में दो पक्षियों की मौत हुई है.
राज्य के 15 जिलों में पक्षियों के मौत की जानकारी मिली है. विभाग के अधिकारियों ने 252 पक्षियों की मौत होने के बारे में बताया था.