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Tuesday, 1 October, 2024
होमदेशविरोध के बाद मणिपुर सरकार ने राज्य में कर्मचारियों के लिए ईस्टर संडे की छुट्टी बहाल की

विरोध के बाद मणिपुर सरकार ने राज्य में कर्मचारियों के लिए ईस्टर संडे की छुट्टी बहाल की

गुरुवार के आदेश में मणिपुर सरकार के उप सचिव ने कहा कि पीएसयू और स्वायत्त निकायों सहित सभी सरकारी कार्यालयों के लिए अब केवल 30 मार्च ही वर्किंग डे होगा.

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गुवाहाटी: मणिपुर सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को 31 मार्च यानी ईस्टर संडे के दिन छुट्टी घोषित करने का फैसला किया है. सार्वजनिक अवकाश रद्द करने के पिछले आदेश पर राज्य की ईसाई आबादी ने विरोध जताया था.

गुरुवार को राज्य सरकार ने अपने 27 मार्च के आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए ईस्टर वीकेंड को रद्द कर दिया था — ताकि “वित्तीय वर्ष के अंतिम तीन दिनों में कार्यालयों का सुचारू कामकाज” सुनिश्चित किया जा सके.

वित्तीय वर्ष 2023-24 में लगातार तीन नॉन-वर्किंग डे हैं — गुड फ्राइडे, हॉली सटर्डे और ईस्टर संडे — जिन्हें देश भर में बैंक और पब्लिक हॉलिडे माना गया है.

गुड फ्राइडे ईसा मसीह के सूली पर चढ़ने और कलवारी में उनकी मृत्यु की याद में मनाया जाने वाला एक ईसाई अवकाश है.

गुरुवार के आदेश में मणिपुर सरकार के उप सचिव अंगोम हीरा सिंह ने कहा कि अब केवल 30 मार्च, शनिवार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और स्वायत्त निकायों सहित सभी सरकारी कार्यालयों के लिए वर्किंग डे होगा.

वीकेंड की छुट्टियों को रद्द करना राज्य के ईसाइयों के लिए एक बड़ा झटका था, 2011 की जनगणना के अनुसार, इनकी राज्य की आबादी में 41.2 प्रतिशत हिस्सेदारी है.

राज्य में लगभग एक साल से चल रहे जातीय संघर्ष ने दो जातीय समुदायों — कुकी-ज़ो आदिवासियों और गैर-आदिवासी मैतेई के बीच विभाजन और अविश्वास पैदा कर दिया है. इसने लोगों को ऐसी घोषणाओं को संदेह की दृष्टि से देखने के लिए भी प्रेरित किया.

बुधवार को आदेश पारित होने के तुरंत बाद, कुकी-ज़ो समुदाय के कई लोगों ने सोशल मीडिया पर सरकार के पक्षपातपूर्ण रवैये के खिलाफ अपना गुस्सा ज़ाहिर किया. यहां तक कि ईसाई भावनाओं को ठेस पहुंचाने पर चिंता व्यक्त करते हुए राजनीतिक नेता भी इसमें कूद पड़े.

इससे पहले गुरुवार को कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि वे मणिपुर सरकार के फैसले के बारे में जानकर हैरान हैं, उन्होंने इसे “आश्चर्यजनक और चिंताजनक” बताया.

थरूर ने संवाददाताओं से कहा, “…यह मणिपुर में एक विनाशकारी वर्ष के बाद आया है, जहां हिंसा हुई थी. इन सबके बीच किसी एक समुदाय की भावना को ठेस पहुंचाना गंभीर चिंता का विषय है. भारत सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए और इसे वापस लेना चाहिए.”

भाजपा सांसद प्रकाश जावड़ेकर ने कांग्रेस के उन दावों पर पलटवार किया जिसमें उन्होंने अपने नेताओं पर “झूठ फैलाने” का आरोप लगाया और कहा कि मणिपुर सरकार ने पहले ही गुड फ्राइडे और ईस्टर संडे के लिए छुट्टियों की घोषणा करने की अधिसूचना जारी कर दी है.

मणिपुर में पौमई नागा त्सिडौमई मी (पीएनटीएम) इकाई सहित कई हलकों से निंदा की गई, जिसने सरकार से आदेश को “पक्षपातपूर्ण” बताते हुए वापस लेने का आग्रह किया.

तामेंगलांग बैपटिस्ट चर्च, सेनापति जिला कैथोलिक संघ, माओ बैपटिस्ट चर्च एसोसिएशन, तांगखुल नागा बैपटिस्ट कन्वेंशन सहित अन्य ने भी 27 मार्च के आदेश की आलोचना की.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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