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Sunday, 10 August, 2025
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दिवंगत शख्सियतों को श्रद्धांजलि देने के बाद झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र की कार्यवाही स्थगित

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रांची, एक अगस्त (भाषा) झारखंड विधानसभा का पांच दिवसीय मानसून सत्र शुक्रवार को शुरू हुआ लेकिन हाल ही में दिवंगत कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों को श्रद्धांजलि दिए जाने के बाद, इसे शुरू होने के कुछ ही देर बाद स्थगित कर दिया गया।

सदन को संबोधित करते हुए अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने कहा कि चार अगस्त को सत्र की बैठक पुन: शुरू होने के दौरान वित्त वर्ष 2025-26 के लिए पहला अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा और कुछ विधेयक भी पेश किए जाएंगे। सत्र सात अगस्त तक चलेगा।

उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद है कि सभी सदस्य सत्र के दौरान झारखंड को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए सक्रिय और सकारात्मक भूमिका निभाएंगे। हमारी चर्चाएं और निर्णय तभी सार्थक होंगे जब वे आम लोगों के जीवन में सुधार लाएंगे।”

अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के अच्छे स्वास्थ्य के लिए भी प्रार्थना की।

उन्होंने कहा, ‘‘झारखंड के लिए उनका (शिबू सोरेन का) योगदान किसी से छिपा नहीं है।’’

सोरेन (81) का एक महीने से अधिक समय से दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज किया जा रहा है।

विधानसभा अध्यक्ष ने भाजपा के हटिया से विधायक नवीन जायसवाल को विपक्ष का मुख्य सचेतक तथा धनबाद से विधायक राज सिन्हा और बगोदर से विधायक नागेंद्र महतो की सचेतक के रूप में नियुक्त को मान्यता दी।

सदन के सदस्यों ने हाल ही में दिवंगत हुए राजनेताओं, कलाकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, साहित्यकारों और आम नागरिकों की स्मृति में एक मिनट का मौन रखा।

इनमें कांग्रेस के पूर्व सांसद तिलकधारी सिंह, केरल के पूर्व मुख्यमंत्री वी.एस. अच्युतानंदन, पोप फ्रांसिस, बॉलीवुड अभिनेता मनोज कुमार और वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. के कस्तूरीरंगन शामिल थे।

सदन के सदस्यों ने पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले 26 लोगों और अहमदाबाद विमान दुर्घटना में हुई 241 लोगों की मौत पर भी शोक व्यक्त किया।

इससे पहले, कांग्रेस विधायक श्वेता सिंह ने कहा कि पार्टी बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगी।

उन्होंने कहा, “सत्र के दौरान एसआईआर के खिलाफ एक प्रस्ताव भी लाया जाएगा।”

झारखंड के सत्तारूढ़ गठबंधन ‘इंडिया’ के विधायकों ने सत्र के दौरान मतदाता सूची के एसआईआर के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने का निर्णय लिया।

प्रदेश की मंत्री एवं कांग्रेस विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने विधानसभा के बाहर संवाददाताओं को बताया, “हम बिहार में अपनाए जा रहे एसआईआर पद्धति का विरोध करते हैं। अगर निर्वाचन आयोग को यह जरूरी लगता है, तो उसे पहले ही ऐसा कर लेना चाहिए था। इस प्रक्रिया से लगभग 20 लाख मतदाता अपने मताधिकार से वंचित हो जाएंगे। यदि सरकार वास्तव में मतदाता सूची में संशोधन करना चाहती है, तो उसे आधार के साथ एकीकृत किया जाना चाहिए।”

जदयू विधायक सरयू राय ने कहा कि कुछ दल एक अप्रासंगिक मुद्दे को बेवजह तूल दे रहे हैं।

उन्होंने कहा, “एसआईआर कराये जाने में कोई बुराई नहीं है। यह निर्वाचन आयोग का काम है।”

भाजपा विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी ने कहा कि झारखंड के ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा करने के बजाय सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक बिहार के बारे में चिंतित हैं।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “उन्हें राज्य के लोगों को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।”

भाषा

प्रशांत नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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