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रविवार, 18 मई, 2025
होमदेश‘जन्म से हिंदू, मरते दम तक हिंदू’ टिप्पणी के बाद शिवकुमार ने हिंदू धर्म में आस्था दोहराई

‘जन्म से हिंदू, मरते दम तक हिंदू’ टिप्पणी के बाद शिवकुमार ने हिंदू धर्म में आस्था दोहराई

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बेंगलुरु, 27 फरवरी (भाषा) कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने बृहस्पतिवार को हिंदू धर्म में अपनी आस्था दोहराई। इससे एक दिन पहले उन्होंने कहा था, ‘‘मैं जन्म से हिंदू हूं और मरते दम तक हिंदू ही रहूंगा।’’

उन्होंने ईशा फाउंडेशन के सद्गुरु जग्गी वासुदेव के प्रति भी समर्थन व्यक्त किया और तमिलनाडु में महाशिवरात्रि समारोह में आमंत्रण देने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।

शिवकुमार का यह बयान तमिलनाडु के कोयंबटूर में सद्गुरु जग्गी वासुदेव के ईशा योग केंद्र में महाशिवरात्रि समारोह में शिवकुमार की भागीदारी के खिलाफ अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) सचिव पी वी मोहन सहित कांग्रेस नेताओं के एक वर्ग द्वारा आवाज उठाने के बीच आया है।

कोयंबटूर दौरे के बारे में शिवकुमार के पोस्ट का एक स्क्रीनशॉट साझा करते हुए मोहन ने लिखा, ‘‘धर्मनिरपेक्ष पार्टी के अध्यक्ष होने के बावजूद एक ऐसे व्यक्ति के निमंत्रण के लिए धन्यवाद देना जो देश की उम्मीद आरजी (राहुल गांधी) का मखौल उड़ाता है और जिसके आख्यान आरएसएस के अनुरूप हैं, पार्टी कार्यकर्ताओं को गुमराह करता है, पार्टी का विकास समझौते के बजाय दृढ़ विश्वास से सुनिश्चित होता है। अन्यथा, आधार को क्षति पहुंचती है।’’

बृहस्पतिवार को यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए शिवकुमार ने कहा, ‘‘मैं आलाकमान और बड़े नेताओं को जवाब नहीं देने वाला हूं। देखिए, मैं शिवरात्रि समारोह में गया था। यह शिव की रात है। मुझे इसमें आस्था है। मैं किसी के ट्वीट का जवाब नहीं देने वाला हूं।’’

शिवकुमार ने बुधवार को कहा था, ‘‘मैं हिंदू हूं। मैं हिंदू पैदा हुआ हूं और हिंदू के रूप में ही मरूंगा, लेकिन मैं सभी धर्मों से प्यार करता हूं और उनका सम्मान करता हूं।’’

बुधवार को संवाददाता सम्मेलन के दौरान कोयंबटूर दौरे के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमारे कांग्रेस अध्यक्ष का नाम मल्लिकार्जुन खरगे है। मल्लिकार्जुन कौन हैं? यह शिव ही हैं। क्या उन्हें अपना नाम बदलना चाहिए?’’ हालांकि, शिवकुमार ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह नहीं चाहते कि भाजपा या कांग्रेस इसका स्वागत करे और न ही उन्हें उनके बारे में बोलने की कोई जरूरत है।

महाशिवरात्रि के दौरान ईशा फाउंडेशन में उनके दौरे को लेकर उठे विवाद के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘हजारों लोग इसका विरोध करें, मुझे अपनी आस्था पर पूरा भरोसा है।’’ उनके अनुसार, सद्गुरु ‘मिट्टी बचाओ’ अभियान के तहत कावेरी को बचाने के लिए लड़ रहे हैं और उन्होंने राज्य में बहुत अच्छा काम किया है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि वह इस कार्यक्रम में इसलिए शामिल हुए क्योंकि सद्गुरु व्यक्तिगत रूप से उनके घर आए थे और उन्हें महाशिवरात्रि में शामिल होने के लिए सम्मानपूर्वक आमंत्रित किया था।

भाषा यासिर नेत्रपाल

नेत्रपाल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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