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Friday, 22 November, 2024
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जॉन कील्स के साथ मिलकर कोलंबो बंदरगाह पर कंटेनर टर्मिनल बनाएगी अडाणी पोर्ट्स

श्रीलंका में पहली भारतीय बंदरगाह परिचालक के रूप में टर्मिनल में अडाणी पोर्ट्स की हिस्सेदारी 51 प्रतिशत होगी. डब्ल्यूसीटी का विकास कर इसकी क्षमता को 35 लाख टीईयू (ट्वंटी-फुट इक्विलेंट यूनिट्स) की जाएगी.

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नई दिल्ली: अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉनिक जोन (एपीसेज) श्रीलंका के कोलंबो में जॉन कील्स होल्डिंग्स पीएलसी तथा श्रीलंका के बंदरगाह प्राधिकरण के साथ मिलकर वेस्ट कंटेनर टर्मिनल (डब्ल्यूसीटी) का विकास करेगी.

श्रीलंका में पहली भारतीय बंदरगाह परिचालक के रूप में टर्मिनल में अडाणी पोर्ट्स की हिस्सेदारी 51 प्रतिशत होगी. डब्ल्यूसीटी का विकास कर इसकी क्षमता को 35 लाख टीईयू (ट्वंटी-फुट इक्विलेंट यूनिट्स) की जाएगी.

एपीसेज ने कहा कि कोलंबो भारतीय कंटेनरों के पारगमन तथा प्रमुख जहाज परिचालकों के लिए सबसे पसंदीदा क्षेत्रीय हब है. कोलंबो का 45 प्रतिशत पारगमन भारत में एपीसेज टर्मिनल से आता है या यहां भेजा जाता है.

अडाणी समूह की अनुषंगी एपीसेज को इस बारे में श्रीलंका के बंदरगाह एवं जहाजरानी मंत्रालय तथा श्रीलंका बंदरगाह प्राधिकरण से आशय पत्र (एलओआई) मिल गया है. श्रीलंका मंत्रिमंडल ने इसके लिए मंजूरी दी थी. कंपनी की ओर से जारी बयान में यह जानकारी दी गई है.

इस बंदरगाह के विकास के लिए एपीसेज जॉन कील्स होल्डिंग्स पीएलसी तथा श्रीलंका बंदरगाह प्राधिकरण के साथ भागीदारी करेगी.

डब्ल्यूसीटी का विकास बनाओ, चलाओ और स्थानांतरित करो के आधार पर सार्वजनिक निजी भागीदारी में 35 साल की अवधि के लिए किया जाएगा.


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