श्रीनगर, 17 मई (भाषा) वुलर झील पर तुलबुल नौवहन बैराज परियोजना को बहाल करने के उमर अब्दुल्ला के आह्वान पर उनके और महबूबा मुफ्ती के बीच वाकयुद्ध छिड़ने के एक दिन बाद, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने शनिवार को जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री को आगाह करते हुए कहा कि इस तरह के ‘उकसावे’ से केवल तनाव बढ़ेगा।
पीडीपी ने एक बयान में कहा, ‘‘तुलबुल नौवहन परियोजना और सीमापार जल प्रवाह के नियंत्रण का हवाला देते हुए उमर अब्दुल्ला की टिप्पणी न केवल गलत समय पर आई है, बल्कि बेहद गैरजिम्मेदाराना भी है। ऐसे समय में जब शांति नाजुक स्थिति में है और संघर्षविराम मुश्किल से कायम है, इस तरह की उकसावे वाली बातें केवल तनाव को बढ़ाने का काम करती हैं।’’
पार्टी ने कहा कि यह देश के लिए एक ‘संवेदनशील समय’ है और नेताओं को ‘मौकापरस्ती नहीं, बल्कि परिपक्वता के साथ काम करना चाहिए।’
उसने कहा, ‘‘पीडीपी कभी भी अपने रुख से पीछे नहीं हटी है – हमारी प्रतिबद्धता हमेशा शांति, संवाद और कूटनीति के लिए रही है। हमारा मानना है कि जम्मू कश्मीर दोनों देशों के बीच शांति का सेतु होना चाहिए, न कि युद्ध का मैदान।’’
पीडीपी ने यह भी कहा कि जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री द्वारा सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) को रद्द करने का आह्वान ‘खतरनाक और अदूरदर्शी’ है।
उसने कहा, ‘‘हमारी स्थिति स्पष्ट है, हम संधि के तहत जम्मू कश्मीर के लिए उचित मुआवजे की मांग करते रहेंगे, लेकिन सिंधु जल संधि का इस्तेमाल युद्ध संबंधी बयानबाजी के बहाने के रूप में नहीं किया जाना चाहिए।’’
पार्टी ने कहा, ‘‘आज के अस्थिर माहौल में तुलबुल परियोजना या सिंधु जल संधि को निरस्त करने जैसे विवादास्पद मुद्दों को उठाना दोनों देशों को टकराव की ओर ले जाएगा।’’
पीडीपी ने कहा कि जम्मू कश्मीर में ऐसे रुख की वकालत करने वाले लोग क्षेत्र की स्थिरता को कमजोर कर रहे हैं और सीमावर्ती राज्यों में रहने वाले लोगों के जीवन को खतरे में डाल रहे हैं।
भाषा अमित सुभाष
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