नयी दिल्ली, 20 जनवरी (भाषा) गोवा में बहुकोणीय लड़ाई होने जा रही है, जहां बंटा हुआ विपक्ष भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए प्रयासरत है। इस तटीय राज्य में भाजपा विगत दस वर्षों से सत्ता में है।
कांग्रेस कहती रही है कि वह भाजपा तथा चुनाव लड़ रहे अन्य दलों — तृणमूल, आप, राकांपा-शिवसेना के लिए सबसे बड़ी चुनौती है, जबकि गठबंधन का प्रयास विफल होने से उसकी संभावनाएं कमजोर हो सकती हैं।
पिछले चुनाव परिणामों पर गौर करने से पता चलता है कि 40 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को सबसे अधिक 32.48 फीसदी वोट मिले जबकि उसे 13 सीटें ही मिल सकीं। वहीं कांग्रेस ने 28.35 फीसदी वोट पाकर 17 सीटें हासिल की थीं।
मत प्रतिशत की बात करें तो महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) को 11.27 फीसदी वोट मिला था और उसे तीन सीटें मिली थीं जबकि 58 निर्दलीय उम्मीदवारों को कुल मिलाकर 11.12 फीसदी वोट हासिल हुआ था और उन्होंने तीन सीटों पर जीत दर्ज की थी।
2017 के चुनावों में आम आदमी पार्टी को महज 6.27 फीसदी मत हासिल हुआ था और उसका खाता भी नहीं खुला, वहीं शरद पवार की पार्टी राकांपा ने 2.28 फीसदी वोट हासिल कर एक सीट पर चुनाव जीता था।
शिवसेना, राकांपा के साथ मिलकर गोवा चुनाव लड़ने की योजना बना रही है और उसे 2017 के चुनावों में महज 0.09 फीसदी वोट हासिल हुआ था।
शिवसेना के नेता संजय राउत ने संवाददाताओं से कहा था, ‘‘गोवा की राजनीति को मुख्यत: भू माफिया नियंत्रित करते हैं, शिवसेना राज्य की राजनीति में आम आदमी को केंद्र में लाना चाहती है।’’
उन्होंने कहा था कि शिवसेना और राकांपा गोवा में कांग्रेस के साथ मिलकर महाराष्ट्र जैसा गठबंधन बनाना चाह रहे थे लेकिन प्रयास सफल नहीं हुए।
कांग्रेस ने 2022 के चुनावों के लिए गोवा फॉरवर्ड पार्टी के साथ समझौता किया है, जबकि भाजपा ने किसी के भी साथ गठबंधन नहीं किया है और वह सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बना रही है।
तृणमूल कांग्रेस ने एमजीपी के साथ गठबंधन किया है और भाजपा के प्रमुख प्रतिद्वंद्वी होने का दावा कर कांग्रेस और राकांपा नेताओं को अपनी तरफ मिलाया है।
गोवा में 2017 के चुनावों में तृणमूल नहीं थी लेकिन 2012 के चुनावों में उसने 12 उम्मीदवार खड़े किए थे और कुल वैध मतों में से 1.81 फीसदी मत हासिल किए थे।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और गोवा चुनावों के लिए भाजपा के प्रभारी देवेंद्र फडणवीस ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस, भाजपा के लिए सिरदर्दी नहीं है। वह कांग्रेस और गोवा के लिए सिरदर्दी है।’’
2012 के विधानसभा चुनावों में भाजपा को 34.68 फीसदी, कांग्रेस को 30.78 फीसदी, एमजीपी को 6.72 फीसदी, राकांपा को 4.08 फीसदी, निर्दलीयों को 16.67 फीसदी और शिवसेना को 0.02 फीसदी वोट मिले थे।
भाषा नीरज नीरज नरेश
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