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Thursday, 14 August, 2025
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इंद्रलोक स्टेशन पर 2023 में मेट्रो के दरवाजे में बोतल फंसने से हुई थी महिला की मौत : सीआरएस रिपोर्ट

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नयी दिल्ली, 11 अगस्त (भाषा) रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा है कि 14 दिसंबर 2023 को इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन पर एक महिला यात्री की मौत कोच के दरवाजे से उसकी पानी की बोतल फंसने के साथ-साथ सुरक्षा प्रणाली का पालन करने में चूक के कारण हुई थी।

जांच रिपोर्ट में कहा गया है, ‘बोतल के नायलॉन से बने पट्टे का एक सिरा यात्री के हाथ से बंधा हुआ था, जो कोच के दरवाजे के बाहर था, जबकि बोतल का दूसरा सिरा कोच के दरवाजे के अंदर था।’

इसमें कहा गया है कि बोतल का पट्टा तब फंसा, जब यात्री ने दरवाजा बंद होने के समय जल्दबाजी में ट्रेन से उतरने की कोशिश की थी और संभवतः उसने दरवाजा बंद होने के अलार्म को नजरअंदाज किया। रिपोर्ट के मुताबिक, फिर यात्री का ट्रेन के साथ घसीटना, मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) और ऐसी अप्रत्याशित घटनाओं से निपटने के लिए उपलब्ध प्रौद्योगिकी दोनों में प्रणालीगत खामियों के कारण हुआ।

घटना के बाद मीडिया में आई खबरों में कहा गया था कि यात्री की साड़ी दरवाजे से फंस गई थी और वह ट्रेन के साथ घसीटती चली गई।

सीआरएस ने अपनी रिपोर्ट में यात्रियों के लिए अपर्याप्त जागरूकता अभियान और ट्रेन संचालकों को उनके कर्तव्यों को सही ढंग से निभाने के लिए परामर्श देने को रेखांकित किया है। इसके अलावा इसकी जांच में सुरक्षा गार्ड की तैनाती, स्टेशन कैमरों में त्वरित सुधार और ‘रियर व्यू मिरर’ में सुधार आदि के संबंध में कई चिंताजनक सुरक्षा खामियां सामने आई हैं।

सीआरएस ने दिल्ली मेट्रो के लिए 12 सुरक्षा उपायों की सिफारिश की है, जिनमें जागरूकता अभियान को बढ़ाना, ट्रेन परिचलान के लिए एसओपी को संशोधित करना, सुरक्षा गार्ड की संख्या बढ़ाना और मौजूदा दरवाजों को ’एंटी-ड्रैग’ सुविधाओं से लैस करना शामिल हैं।

दिल्ली मेट्रो ने अपनी कार्रवाई रिपोर्ट में कहा, ‘मेट्रो से सुरक्षित यात्रा के बारे में यात्रियों को शिक्षित करने के लिए एक जागरूकता अभियान शुरू किया गया है, ताकि उन्हें दिल्ली मेट्रो ट्रेनों में सुरक्षित चढ़ने और उतरने के बारे में जागरूक किया जा सके।’

ट्रेन संचालकों की काउंसलिंग और एसओपी को संशोधित करने के संबंध में, दिल्ली मेट्रो ने कहा कि उपयुक्त निर्देशों के साथ सुधारात्मक उपाय किए गए हैं कि ट्रेन चलाने से पहले, ट्रेन संचालक, उपलब्ध साधनों के माध्यम से, यह सुनिश्चित करेगा कि दरवाजों पर कोई न हो।

दिल्ली मेट्रो ने यह भी कहा है कि सीआरएस की सिफारिश के आधार पर भीड़भाड़ वाले स्थानों पर अतिरिक्त गार्ड की तैनाती के अलावा, गार्ड के माध्यम से ट्रेन संचालक को सचेत करने के लिए 63 स्थानों पर एक दृश्य अलार्म प्रणाली (रोशनी के जरिए चेतावानी देना) लगाई गई है।

दिल्ली मेट्रो ने यह भी कहा कि ‘एंटी-ड्रैग सिस्टम’ लगाने का काम 11 अक्टूबर, 2024 को माइटेक नामक कंपनी को दिया गया था, जो पांच ट्रेनों में यह प्रणाली लगाएगी और जनवरी 2026 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

भाषा नोमान दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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