नयी दिल्ली, 19 अगस्त (भाषा) दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने के वास्ते योजना बनाने के लिये दैनिक बैठकें कर रहा है। नगर निकाय का कहना है कि चुनौती न केवल उन्हें सड़कों से हटाने की है, बल्कि आश्रय स्थलों में रखे जाने के बाद उनकी उचित देखभाल सुनिश्चित करने की भी है।
दिल्ली के महापौर राजा इकबाल सिंह ने कहा कि यह मुद्दा ‘बड़ा और संवेदनशील’ है और इसके लिए एक सुनियोजित दृष्टिकोण की आवश्यकता है।
महापौर ने कहा, ‘यह शहर के लिए एक बड़ी चुनौती है। आश्रय स्थलों की व्यवस्था कैसे की जाए, इस पर हर दिन बैठकें हो रही हैं। यह सिर्फ सड़कों से कुत्तों को हटाने के बारे में नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करने के बारे में भी है कि उन्हें बेहतर स्थिति में रखने के लिए भोजन, पानी और अन्य सुविधाएं उपलब्ध हों।’
उन्होंने कहा कि चूंकि उच्चतम न्यायालय ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है, इसलिए निगम सभी संभावित उपायों पर विचार कर रहा है और न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप काम करेगा।
उन्होंने कहा, ‘इस समय हमारा ध्यान मनुष्यों और पशुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर है।’
महापौर ने आगे कहा कि फिलहाल प्राथमिकता आक्रामक और उग्र कुत्तों की पहचान करना और उन्हें पकड़ना है ताकि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
स्थायी समिति के अध्यक्ष सत्या शर्मा ने बताया कि 10 अगस्त से अब तक लगभग 800 कुत्तों को पकड़कर नसबंदी के लिए आश्रय गृहों में भेजा जा चुका है। 11 अगस्त के आदेश के बाद उच्चतम न्यायालय से कोई नया निर्देश न मिलने के कारण, नगर निगम ने आक्रामक, बीमार और हमलावर कुत्तों को पकड़ने का अभियान जारी रखा है।
एमसीडी अधिकारियों ने बताया कि इस तरह के कार्यों के दौरान कुत्ता प्रेमियों के लगातार हस्तक्षेप के कारण यह कार्य कठिन हो गया है।
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शुभम प्रशांत
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