अहमदाबाद, 19 जून (भाषा) अहमदाबाद में एअर इंडिया विमान दुर्घटना में लगभग 270 लोगों की मौत के एक सप्ताह बाद जांचकर्ता बृहस्पतिवार को भी दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए सुराग तलाशने में जुटे रहे, जबकि सरकार ने कहा कि विमान दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो यह तय करेगा कि दुर्घटनाग्रस्त विमान के ब्लैक बॉक्स को कहां ‘डिकोड’ किया जाए।
विमान दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो (एएआईबी) की एक टीम ने 12 जून को हुए हादसे की जांच शुरू की है।
एअर इंडिया के उक्त बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान में चालक दल के 12 सदस्यों सहित 242 लोग सवार थे जो अहमदाबाद के मेघाणी नगर क्षेत्र में एक मेडिकल छात्रावास परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने और इसके बाद लगी आग में यात्रियों, चालक दल के सदस्यों और जमीन पर मौजूद लोगों सहित लगभग 270 लोगों की मौत हो गई।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि एएआईबी की एक बहु-विषयक टीम ने दुर्घटना की जांच शुरू कर दी है।
मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (डीएफडीआर) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर) की एक संयुक्त इकाई 13 जून, 2025 को दुर्घटना स्थल से बरामद की गई है और दूसरा सेट 16 जून को मिला। विमान के इस मॉडल में दो ब्लैक बॉक्स सेट थे।’’
मंत्रालय ने कहा कि स्थानीय प्राधिकारियों और एजेंसियों से सभी आवश्यक सहयोग के साथ एएआईबी जांच लगातार आगे बढ़ रही है। साथ ही कहा कि साइट दस्तावेजीकरण और साक्ष्य संग्रह इकट्ठा करने का प्रमुख कार्य पूरा हो चुका है और अब आगे का विश्लेषण जारी है।
बयान में कहा गया है, ‘कुछ मीडिया संस्थानों में यह खबर आई है कि एआई171 उड़ान से सीवीआर/डीएफडीआर (ब्लैक बॉक्स) को पुनः प्राप्ति और विश्लेषण के लिए विदेश भेजा जा रहा है… विमान के रिकॉर्डर को डिकोड करने के स्थान के बारे में निर्णय एएआईबी द्वारा सभी तकनीकी और सुरक्षा संबंधी पहलुओं के उचित मूल्यांकन के बाद लिया जाएगा।’’
गुजरात सरकार ने स्पष्ट किया है कि जांच में उसकी कोई भूमिका नहीं है। अहमदाबाद के अतिरिक्त मुख्य अग्निशमन अधिकारी जयेश खड़िया ने बताया कि स्थानीय दमकलकर्मी दुर्घटनास्थल पर जारी जांच में फोरेंसिक और विमानन विशेषज्ञों की मदद कर रहे हैं।
खड़िया ने बताया कि विमान के मेडिकल छात्रावास परिसर में घुसने के बाद उसका पिछला हिस्सा छात्रावास कैंटीन की क्षतिग्रस्त इमारत के ऊपर फंस गया और दुर्घटना के दो दिन बाद 14 जून को क्रेन की मदद से इसे जमीन पर लाया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘विमान के पिछले हिस्से सहित मलबा अभी भी घटनास्थल पर पड़ा हुआ है। मलबे को किसी अन्य स्थान पर ले जाने के कोई आदेश नहीं हैं।’’
इस बीच, एक अधिकारी ने बताया कि डीएनए मिलान के जरिए अब तक कुल 215 पीड़ितों की पहचान की जा चुकी है, जबकि 198 शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए हैं।
अधिकारी पीड़ितों की पहचान स्थापित करने के लिए डीएनए परीक्षण करा रहे हैं।
जिन 198 लोगों के शव सौंपे गए हैं, उनमें 149 भारतीय, 32 ब्रिटिश, सात पुर्तगाली और एक कनाडाई नागरिक शामिल हैं।
अधिकारी ने बताया कि जमीन पर मारे गए नौ लोगों के शव भी उनके रिश्तेदारों को सौंप दिए गए हैं।
जब विमान मेडिकल कॉलेज के आवासीय परिसर में गिरा तो मनीषा कछाड़िया और उनका आठ महीने का बेटा ध्यानांश दुर्घटना से प्रभावित इमारतों में से एक में थे और वे झुलस गए।
दुर्घटना में घायल हुए लोगों में सबसे कम उम्र का बच्चा ध्यानांश 28 प्रतिशत तक झुलस गया है और उसे सरकारी अस्पताल के शिशु गहन चिकित्सा इकाई (पीआईसीयू) में भर्ती कराया गया है।
ध्यानांश के पिता कपिल कछाड़िया ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया कि दुर्घटना के एक सप्ताह बाद भी शिशु अभी भी पीआईसीयू में है, जहां उसकी हालत में सुधार हो रहा है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने लंदन की अपनी दो दिवसीय यात्रा की शुरुआत विमान दुर्घटना के पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित करके की।
एअर इंडिया के विमान से लंदन पहुंचे गोयल ने बुधवार को इंडिया ग्लोबल फोरम (आईजीएफ) यूके-इंडिया वीक स्टेज पर एक मिनट का मौन रखा, जिसमें ब्रिटेन के व्यापार मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स और आईजीएफ के संस्थापक मनोज लाडवा भी शामिल हुए।
गोयल ने कहा, ‘यह ईश्वर का कृत्य है। यह एक दुर्घटना है। बेशक, जांच जारी है, लेकिन यह दुनिया के लिए चेतावनी है कि भविष्य में यात्रियों की सुरक्षा के लिए और अधिक सख्त प्रोटोकॉल को बढ़ावा दिया जाए।’
मुंबई में गमगीन परिवार के सदस्यों और मित्रों सहित सैकड़ों लोगों ने विमान के सह-पायलट, प्रथम अधिकारी क्लाइव कुंदर को भावभीनी विदाई दी, जिनका अंतिम संस्कार बृहस्पतिवार को सेवरी ईसाई कब्रिस्तान में किया गया। अंतिम संस्कार उनके पार्थिव शरीर को अहमदाबाद से लाए जाने के कुछ ही घंटों बाद किया गया।
विमान दुर्घटना में पायलट की मृत्यु के एक सप्ताह बाद कई लोग नम आंखों से पायलट की तस्वीरें अपने हाथों में लिए उन्हें अंतिम विदाई देते देखे गए।
विमान दुर्घटना में जान गंवाने वाली फ्लाइट अटेंडेंट रोशनी सोंघारे (27) का अंतिम संस्कार बृहस्पतिवार सुबह ठाणे जिले के उनके गृहनगर डोंबिवली में किया गया।
उनके पिता राजेंद्र सोंघारे ने श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया।
इस बीच, एअर इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक कैम्पबेल विल्सन ने यात्रियों को दिए संदेश में कहा कि दुर्घटनाग्रस्त बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर का ‘अच्छी तरह से रखरखाव’ किया गया था और जून 2023 में इसकी बड़ी जांच की गई थी तथा अगली जांच इस वर्ष दिसंबर में निर्धारित की गई थी।
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि एयरलाइन द्वारा अपने दो गलियारों वाले बड़े विमानों के बेड़े के परिचालन में अस्थायी रूप से 15 प्रतिशत की कटौती करने के निर्णय से उसके ग्राहकों की यात्रा योजनाओं पर प्रभाव पड़ सकता है।
एएआईबी दुर्घटना की जांच कर रही है और इसके अलावा विमान दुर्घटना के कारणों की जांच के लिए गृह सचिव के अधीन एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है।
समिति तीन महीने में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
विल्सन ने अपने संदेश में कहा कि दुर्घटनाग्रस्त विमान के दाहिने इंजन की मार्च 2025 में मरम्मत की गई, बाएं इंजन का निरीक्षण अप्रैल 2025 में किया गया तथा विमान और इंजन की नियमित निगरानी की गई, जिससे उड़ान से पहले कोई समस्या सामने नहीं आई।
उन्होंने कहा कि एयरलाइन और पूरा विमानन उद्योग अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है।
भाषा शुभम शफीक
शफीक
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