इंदौर, 12 फरवरी (भाषा) मध्यप्रदेश सरकार ने सूबे की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर में नये उद्यमों को फलने-फूलने में मदद के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के आधार पर स्टार्ट अप-सह-आईटी पार्क विकसित करने की योजना तैयार की है। प्रशासन के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
राज्य सरकार की इस योजना के तहत अप-सह-आईटी पार्क के निर्माण में 1,500 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है।
इंदौर संभाग के आयुक्त (राजस्व) दीपक सिंह ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘इंदौर विकास प्राधिकरण के संचालक मंडल ने सुपर कॉरिडोर पर पीपीपी मॉडल के आधार पर स्टार्ट अप-सह-आईटी पार्क बनाने का संकल्प पारित किया है। इस संकल्प को अंतिम मंजूरी के लिए प्रदेश सरकार को भेजा जाएगा।’’
उन्होंने बताया कि प्रस्तावित स्टार्ट अप-सह-आईटी पार्क की 22 मंजिला इमारत बनाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा सुपर कॉरिडोर पर निजी कंपनी को जमीन दी जाएगी।
सिंह ने बताया कि अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस स्टार्ट अप-सह-आईटी पार्क के निर्माण में 1,500 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान है।
उन्होंने बताया कि भोपाल में 24 और 25 फरवरी को आयोजित वैश्विक निवेशक सम्मेलन ‘‘इन्वेस्ट मध्यप्रदेश’’ के दौरान निवेशकों के सामने स्टार्ट अप-सह-आईटी पार्क की परियोजना का खाका पेश किया जाएगा।
कारोबारी जगत के जानकारों ने बताया कि इंदौर में फिलहाल करीब 1,300 स्टार्ट अप पंजीकृत हैं, जबकि ऐसे 500 नये उद्यम जल्द ही अपना काम-काज शुरू कर सकते हैं।
आयुक्त सिंह ने बताया कि इंदौर विकास प्राधिकरण के संचालक मंडल ने पीपीपी मॉडल के आधार पर सुपर कॉरिडोर पर 1,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाला एक सम्मेलन केंद्र बनाने की परियोजना को भी हरी झंडी दी है।
भाषा
हर्ष, रवि कांत रवि कांत
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