पटना : लोक जनशक्ति पार्टी के सांसद पशुपति कुमार पारस के गुट ने बृहस्पतिवार को उन्हें पार्टी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया. पारस ने हाल ही में पार्टी में राजनीतिक तख्तापलट करते हुए अपने भतीजे चिराग पासवान को पार्टी प्रमुख के पद से हटा दिया था.
पारस गुट द्वारा लोकसभा में पार्टी के नेता और राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से चिराग पासवान को हटाने जाने के बाद लोजपा के कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए पूर्व सांसद सूरजभान सिंह ने संवाददाता सम्मेलन में पारस को पार्टी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्विरोध निर्वाचित किए जाने की घोषणा करते हुए उन्हें इसका प्रमाण पत्र सौंपा.
सिंह के पटना स्थित आवास पर पारस गुट की बैठक में अपराह्न तीन बजे तक किसी अन्य दावेदार द्वारा नामांकन दाखिल नहीं किए जाने पर हाजीपुर से सांसद पारस को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया.
निर्वाचन के बाद पारस ने संवादाता सम्मेलन को संबोधित किया. इस दौरान वह एक सवाल पर नाराज हो गए और कहा, ‘देश और पार्टी प्रजातंत्र से चलती है. जहां तक चाचा-भतीजा की बात है जब भतीजा ‘तानाशाह’ हो जाए तो बताएं कि कोई क्या करेगा?’
चिराग पर पार्टी के एक नेता-एक पद के सिद्धांत का उल्लंघन करते हुए एक साथ विभिन्न पदों पर आसीन रहने का आरोप लगाने वाले पारस से जब पूछा गया कि लोकसभा में पार्टी के नेता और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, दोनों पदों पर आसीन होने के बारे में उनका क्या कहना है, पारस ने कहा कि अगर उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया जाता है तो वह लोकसभा में पार्टी के नेता के पद को छोड़ देंगे.
यह पूछे जाने पर कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्थान पाने के बाद क्या वह लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष या पार्टी संसदीय बोर्ड अध्यक्ष पद त्याग देंगे, पारस इसे टाल गए. पारस गुट में शामिल पार्टी सांसद प्रिंस राज के आज की बैठक में अनुपस्थित रहने के बारे में पूछे गए पर भी उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.
पहली बार सांसद बने 31 वर्षीय प्रिंस राज पर लोजपा की एक पूर्व पदाधिकारी ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है.
इस बीच चिराग़ के समर्थकों ने पटना में विभिन्न चौराहों पर पोस्टर लगाये, जिनमें लिखा था ‘गद्दार चाचा से सावधान.’