नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर को लेकर पूर्वोत्तर समेत देश के विभिन्न हिस्सों में हिस्सों में हिंसक प्रदर्शनों से भारतीय रेलवे को बहुत नुकसान हुआ है.
भारतीय रेलवे ने दावा किया है कि पश्चिम बंगाल में 13 दिसंबर से 15 दिसंबर के बीच सीएए और एनआरसी के खिलाफ हुए प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा में उसे 84 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है.
कोलकाता उच्च न्यायालय के समक्ष दाखिल की गई रिपोर्ट में रेलवे ने यह बात कही.
पूर्व रेलवे ने मुख्य न्यायाधीश टी बी एन राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति ए बनर्जी की खंडपीठ के समक्ष शुक्रवार को एक हलफनामे में कहा कि विरोध प्रदर्शन के चलते उसे 72.2 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
हलफनामे में बताया गया कि सबसे अधिक 46 करोड़ रुपये का नुकसान सियालदह डिवीजन में हुआ. इसके अलावा मालदा डिविजन में 24.5 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
दक्षिण पूर्वी रेलवे ने एक अलग हलफनामे में कहा कि उसे 12.75 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी.
संसद के शीतकालिन सत्र में केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून पास किया है. इससे देश में रह रहे हिन्दू, सिख, बुद्धिस्ट, पारसी, ईसाई और जैन शरणार्थियों को राहत पहुंचाने में तेजी आ सके. इन शरणार्थियों ने अफगानिस्तान, पाकिस्तन और बांग्लादेश से भारत में आकर शरण ली थी.
इस कानून के तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में आने वाले शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान है. वहीं 10 जनवरी 2019 से नागरिकता संशोधन कानून पूरे देश में लागू हो गया है.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ में )