कोहिमा: नागालैंड से सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम (अफस्पा) को हटाने और मोन जिले में मारे गए 14 लोगों को न्याय दिलाने की मांग को लेकर आयोजित 70 किलोमीटर लंबे दो दिवसीय वॉकथॉन (जुलूस) में सैकड़ों नागा शामिल हुए. यह वॉकथॉन राज्य के आर्थिक केंद्र दिमापुर से शुरू हुआ और राजधानी कोहिमा में मंगलवार को खत्म हुआ.
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्री गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को संबोधित ज्ञापन राज्यपाल प्रोफेसर जगदीश मुखी के माध्यम से भेजा गया जिसमें पूरे पूर्वोत्तर से अफस्पा को हटाने की मांग की गई.
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी संबोधित ज्ञापन में कहा गया कि राज्य में पिछले 63 साल से इस कानून के लागू करने के साथ क्रूरता और अन्याय हुआ है और मोन की हत्या इससे परे की घटना नहीं है.
ज्ञापन में कहा गया कि अफस्पा बार-बार आम निर्दोष लोगों को उनके जीवन के अधिकार से वंचित कर रहा है.
वॉकथॉन में शामिल लोगों ने हाथ में तख्तियां ली थीं जिनपर लिखा था ‘क्रूर’ अफस्पा वापस लो और पीड़ितों को न्याय दो. यह वॉकथॉन कई गांव और कस्बों से गुजरा और रास्ते में लोग जुड़ते गए और इसमें शामिल लोगों ने रात को पिफेमा गांव में रुके और मंगलवार की सुबह को यहां पहुंचने के लिए फिर आगे बढ़े.
इस वॉकथॉन का राज्य के विभिन्न आदिवासी संगठनों और नागरिक समाज ने समर्थन किया. मार्च के कोहिमा पहुंचने के बाद प्रदर्शनकारी नागा नेताओं के साथ राजभवन पहुंचे और राज्यपाल के सचिव और आयुक्त टी म्हाबेमो लोथा को ज्ञापन सौंपा.
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