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Wednesday, 13 August, 2025
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छत्तीसगढ़ के पांच जिलों में 66 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

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बस्तर, 24 जुलाई (भाषा) छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के पांच जिलों में बृहस्पतिवार को 66 नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में से 49 पर कुल 2.27 करोड़ रुपये का इनाम था।

अधिकारियों ने बताया कि बस्तर क्षेत्र के बीजापुर जिले में 25, दंतेवाड़ा में 15, कांकेर में 13, नारायणपुर में आठ और सुकमा में पांच नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया।

उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में 27 महिलाएं भी शामिल हैं।

अधिकारियों ने बताया कि नक्सलियों ने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के वरिष्ठ अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण किया।

उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों का कहना है कि वे ‘खोखली’ माओवादी विचारधारा, निर्दोष आदिवासियों पर किए जा रहे अत्याचारों और प्रतिबंधित संगठन के भीतर बढ़ते आंतरिक मतभेदों से निराश हैं।

नक्सलियों ने कहा कि वे राज्य सरकार की ‘नियद नेल्लनार’ (आपका अच्छा गांव) योजना से भी प्रभावित हैं, जिसका उद्देश्य दूरदराज के गांवों में विकास कार्यों को सुगम बनाना है।

बीजापुर जिले के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार यादव ने बताया कि बीजापुर में आत्मसमर्पण करने वाले 25 लोगों में से 23 पर कुल 1.15 करोड़ रुपये का इनाम था।

यादव ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले कैडरों में उड़ीसा राज्य समिति के सदस्य व माओवादियों की विशेष जोनल समिति के सदस्य रमन्ना इरपा (37) शामिल हैं, जिस पर 25 लाख रुपये का इनाम है।

उन्होंने बताया कि वहीं इरपा की पत्नी रामे कलमू (30) ने भी आत्मसमर्पण किया है और उस पर आठ लाख रुपये का इनाम था।

अधिकारी ने बताया कि इसके साथ ही आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में सुक्कू कलमू उर्फ विनोद (38), बबलू माडवी उर्फ जग्गू (30), कोसी मड़कम (28) और रीना वंजाम (180 पर भी आठ-आठ लाख रुपये का इनाम था।

दंतेवाड़ा जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उदित पुष्कर ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले 15 नक्सलियों में से पांच पर 17 लाख रुपये का इनाम था।

उन्होंने बताया कि जून 2020 में शुरू किए गए ‘लोन वर्राटू’ (स्थानीय गोंडी बोली में गढ़ा गया शब्द जिसका अर्थ है अपने घर/गांव लौटना) अभियान के तहत अब तक जिले में 254 इनामी नक्सलियों सहित 1020 नक्सली हथियार डाल चुके हैं।

अधिकारी ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले 15 नक्सलियों में संभागीय समिति सदस्य बुधराम उर्फ लालू कुहराम और उसकी पत्नी कमली उर्फ मोती पोतावी शामिल हैं, जिन पर क्रमशः आठ लाख रुपये और पांच लाख रुपये का इनाम था।

बस्तर क्षेत्र के कांकेर जिले के पुलिस अधीक्षक इंदिरा कल्याण एलेसेला ने बताया कि कांकेर में सभी 13 नक्सलियों पर कुल 62 लाख रुपये का इनाम था।

नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक रॉबिन्सन गुरिया ने बताया कि जिले में आठ नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है और इन कुल 33 लाख रुपये का इनाम है।

गुरिया ने बताया कि इन नक्सलियों में से माओवादियों के उत्तर ब्यूरो तकनीकी दल के प्रभारी वट्टी गंगा उर्फ मुकेश (44) पर आठ लाख रुपये का इनाम था।

अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को 50-50 हजार रुपये की सहायता दी गई है और सरकार की नीति के अनुसार उनका पुनर्वास किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि ‘नियद नेल्लानार’ और राज्य सरकार की नई आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर कई माओवादी हिंसा छोड़कर आत्मसमर्पण कर रहे हैं।

अधिकारियों ने बताया कि यह पहल नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति और विकास को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई हैं।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बड़ी संख्या में नक्सलियों के आत्मसमर्पण को लेकर कहा कि राज्य सरकार आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास और समाज में सम्मानजनक जीवन देने का हर प्रयास सुनिश्चित करेगी।

साय ने कहा, “यह बदलाव कोई संयोग नहीं, बल्कि हमारी सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति 2025 तथा जनकल्याणकारी योजनाओं की व्यापक स्वीकार्यता का प्रमाण है। नियद नेल्लानार योजना जैसी योजनाओं ने आदिवासी अंचलों में विश्वास की नींव रखी है।”

मुख्यमंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी नेतृत्व में मार्च 2026 तक नक्सलवाद का समूल उन्मूलन निश्चित है। हम आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास और समाज में सम्मानजनक जीवन देने का हर प्रयास सुनिश्चित करेंगे।”

भाषा सं संजीव जितेंद्र

जितेंद्र

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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