गुरुग्राम: हरियाणा के नूंह में विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की यात्रा के दौरान हुई हिंसा में 6 लोगों की मौत के छह महीने बाद, हरियाणा पुलिस ने तीन मामलों में आरोपियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम का हवाला दिया है, जबकि उनमें से दो की ज़मानत याचिका का अदालत में विरोध किया है.
31 जुलाई 2023 को हुई हिंसा में मारे गए छह लोगों में दो होम गार्ड भी शामिल थे. अगले दिन कई एफआईआर दर्ज की गईं. अब तक, पुलिस ने तीन मामलों में म्यांमार के चार रोहिंग्या शरणार्थियों सहित 80 मुसलमानों पर मामला दर्ज किया है.
पुलिस ने इस साल 15 जनवरी को आरोपपत्र में यूएपीए जोड़ा, लेकिन यह 16 फरवरी को सार्वजनिक हो गया जब उन्होंने नूंह के फिरोज़पुर नमक निवासी ओसामा और नूंह के पल्ला में नेहर कॉलोनी निवासी मुर्सीद उर्फ मुर्सलीम की ज़मानत याचिका का विरोध किया. ओसामा कथित तौर पर दो हमलों में शामिल था — पहला नूंह साइबर क्राइम थाने पर और दूसरा उसके पास पुलिस के वाहन पर. मुरसीद कथित तौर पर यात्रा के लिए नलहर मंदिर में एकत्र हुए भक्तों पर हमले में शामिल था.
नूंह कांग्रेस विधायक आफताब अहमद ने सोमवार को कहा कि पुलिस ने अब “दुर्भावनापूर्ण इरादे से सिर्फ आरोपी को ज़मानत देने से इनकार करने के लिए” यूएपीए को जोड़ा है. उन्होंने कहा कि अगर मामलों में यूएपीए की ज़रूरत होती, तो पुलिस प्रावधानों को लागू करने के लिए छह महीने तक इंतज़ार नहीं करती.
अहमद ने कहा, पुलिस ने बहुत पहले ही आरोपपत्र दाखिल कर दिया था और कुछ आरोपी ज़मानत पर बाहर भी हैं. उन्होंने कहा, हालांकि, वे दो मौजूदा ज़मानत आवेदकों को जेल से बाहर नहीं निकलने देना चाहते, जहां वे पहले ही कई महीने बिता चुके हैं.
उन्होंने कहा, “अगर पुलिस ने न्याय के लिए यूएपीए लागू किया है, तो वही प्रावधान गुरुग्राम में इमाम की हत्या के मामले में भी लागू होना चाहिए, जिन्हें लोगों ने नूंह हिंसा के बाद निशाना बनाया था.”
एक एफआईआर के मुताबिक, 1 अगस्त 2023 को नूंह में हिंसा भड़कने के एक दिन बाद, “जय श्री राम” का नारा लगाते हुए, गुरुग्राम के सेक्टर 57 में अंजुमन जामा मस्जिद के नायब इमाम साद की चाकू मारकर हत्या कर दी गई.
मंगलवार को दिप्रिंट द्वारा संपर्क किए जाने पर, तीन मामलों की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) के सदस्य, नूंह के डिप्टी एसपी सुरेंद्र किन्हा ने यूएपीए लागू करने में देरी के कारणों के बारे में कोई भी जानकारी देने से इनकार कर दिया.
किन्हा ने कहा, “यह जांच का हिस्सा है और जानकारी मीडिया के साथ साझा नहीं की जा सकती.”
वकील महताब अहमद ने बताया कि पुलिस ने अदालत में देरी के बारे में बताते हुए कहा कि उन्होंने आरोपियों के खिलाफ यूएपीए प्रावधानों को लागू करने की मंजूरी के लिए उपयुक्त प्राधिकारी के पास एक आवेदन दायर किया था और प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा की जा रही थी.
वकील ने कहा, “आरोपी के परिवार के सदस्यों ने पुलिस कार्रवाई को सक्षम अदालत में चुनौती देने का फैसला किया है.”
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क्या कहती हैं एफआईआर?
ज़मानत आवेदक ओसामा को 1 अगस्त 2023 से तीन में से दो मामलों में गिरफ्तार किया गया है.
नूंह की साइबर क्राइम यूनिट के पुलिस उपनिरीक्षक सूरज कुमार द्वारा सिटी थाने में दर्ज कराई गई एफआईआर संख्या 253 के हिसाब से ओसामा समेत 36 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. इन सभी ने हिंसा के दौरान कथित तौर पर साइबर क्राइम थाने पर पत्थरों से हमला किया और बाहर खड़े वाहनों को आग के हवाले कर दिया.
पुलिस ने उन पर आईपीसी की धारा 148 (दंगा), 149 (गैरकानूनी जमावड़ा), 332 (स्वेच्छा से किसी लोक सेवक को कर्तव्य से रोकने के लिए नुकसान पहुंचाना), 353 (लोक सेवक को बाधा पहुंचाना), 186 (स्वेच्छा से किसी व्यक्ति को कर्तव्य के पालन में बाधा डालना), 427 (उत्पात मचाना), 435, 436 (आग लगाकर उत्पात करना), 395, 397 (डकैती), 307 (हत्या का प्रयास) और शस्त्र अधिनियम की धारा 54-59 के तहत आरोप दायर किए हैं.
दूसरी एफआईआर गुरुग्राम के खेड़की दौला थाने के प्रभारी इंस्पेक्टर अजय कुमार की शिकायत पर नूंह के सिटी पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी.
शिकायत में कहा गया है कि भीड़ ने साइबर अपराध थाने के पास गुरुग्राम से हिंसा प्रभावित नूंह पुलिस ले जा रहे एक वाहन पर हमला किया. वाहन पलट गया, जिससे होम गार्ड नीरज कुमार की मौत हो गई और अन्य घायल हो गए. मामले में पुलिस अब तक ओसामा समेत 19 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है.
ओसामा के खिलाफ आरोपपत्र 24 नवंबर 2023 को अदालत में दाखिल किया गया था.
दूसरे ज़मानत आवेदक मुर्सीद उर्फ मुर्सलीम को सदर पुलिस स्टेशन, नूंह में दर्ज तीसरे मामले में गिरफ्तार किया गया है.
यह पानीपत निवासी महेश कुमार की शिकायत पर दर्ज किया गया था, जिन्होंने कहा था कि 31 जुलाई 2023 को जल अभिषेक ब्रज मंडल यात्रा में भाग लेने के लिए नूंह के नलहर मंदिर पहुंचने के बाद युवकों ने उन पर, उनके चचेरे भाई अभिषेक और अन्य भक्तों पर हमला किया. अभिषेक की मौत गोली और तलवार की चोट से हुई.
आरोपियों पर आईपीसी की धारा 148 (दंगा), 149 (गैरकानूनी जमावड़ा), 324 (गंभीर चोट पहुंचाना), 307 (हत्या का प्रयास), 302 (हत्या), हथियार अधिनियम की धारा 25-54-59 के तहत आरोप लगाए गए थे. पुलिस ने अब तक मुर्सीद समेत 35 लोगों को गिरफ्तार किया है.
(संपादन : फाल्गुनी शर्मा)
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