नयी दिल्ली, 24 फरवरी (भाषा) केंद्र ने बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि पिछले 17 वर्षों में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत 4,850 मामलों की जांच की गई है और इसमें अपराध की 98,368 करोड़ रुपये की राशि की पहचान की गई और कानून के प्रावधान के तहत इसे जब्त किया गया।
सरकार ने न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि इन अपराधों की जांच पीएमएलए के तहत की गई, जिसमें 2,883 तलाशी लेना भी शामिल है।
उच्चतम न्यायालय पीएमएलए के कुछ प्रावधानों की व्याख्या से संबंधित कई याचिकाओं पर दलीलें सुन रहा है।
केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि आतंकवाद और नक्सल वित्तपोषण के 57 मामलों की जांच में अपराध की 1,249 करोड़ रुपये की राशि की पहचान की गई है और अपराध की 982 करोड़ रुपये की राशि यानी 256 संपत्तियों को जब्त किया गया और 37 अभियोजन शिकायतें दर्ज करना और पीएमएलए के तहत दो आतंकवादियों को दोषी ठहराया गया।
मेहता ने न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति सी. टी रविकुमार की पीठ को बताया, ‘‘इसके अलावा, सक्षम अदालत के आदेश के तहत पहले ही अपराध की 853.16 करोड़ रुपये की राशि को जब्त कर लिया गया है।’’
उन्होंने कहा, “पिछले 17 वर्षों में, पीएमएलए के तहत जांच के लिए 4,850 मामले सामने हैं। इन अपराधों के लिए जांच के लिए 2,883 स्थानों पर तलाशी ली गई।’’
मेहता ने कहा कि वर्तमान मामलें, जो पीठ के समक्ष विचाराधीन हैं, में कुल 67,000 करोड़ रुपये से अधिक का कथित धनशोधन शामिल है।
सॉलिसिटर जनरल ने बुधवार को अपनी दलीलों के दौरान भगोड़े अपराधियों विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की 18,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति की कुर्की से संबंधित आंकड़े का उल्लेख किया।
मेहता ने कहा, ‘‘यह प्रस्तुत किया जाता है कि अपराध की राशि की समय पर कुर्की के कारण तीन भगोड़े अपराधियों विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी द्वारा 22,585.83 करोड़ रुपये की कुल धोखाधड़ी में से 19,111.20 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई है।’’
मेहता ने बुधवार को शीर्ष अदालत को बताया था कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा अब तक 4,700 मामलों की जांच की जा रही है, और पीएमएलए के लागू होने के बाद से कथित अपराधों के लिए 313 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
इनमें से कुछ याचिकाओं में पीएमएलए के कुछ प्रावधानों की वैधता को चुनौती दी गई है।
भाषा देवेंद्र माधव
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