शिमला, 24 अगस्त (भाषा) हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में भारी बारिश के कारण दो राष्ट्रीय राजमार्गों समेत कुल 484 सड़कों को वाहनों के आवागमन के लिए बंद कर दिया गया है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि मंडी में 245 और कुल्लू में 102 सड़कें बंद कर दी गई हैं।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) 154ए (चंबा-पठानकोट रोड) और एनएच 305 (औट-सैंज रोड) भी बंद हैं।
अधिकारियों के मुताबिक, कांगड़ा जिले के नूरपुर इलाके में भारी बारिश के कारण पठानकोट से मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग को जाने वाली सड़क पर कंडवाल से जाछ के बीच भीषण जाम लग गया, जिससे यातायात घंटों ठप रहा।
उन्होंने बताया कि छतरौली के पास का हिस्सा सबसे ज्यादा प्रभावित था, जहां एक निर्माणाधीन फ्लाईओवर के लिए बनाए गए ‘डायवर्जन’ पर जलभराव के कारण यातायात ठप हो गया।
नूरपुर विधानसभा क्षेत्र के नागाबारी गांव में एक नाले के उफनाने से घरों में गंदा पानी घुस गया। निवासियों ने इस स्थिति के लिए राजमार्ग निर्माण में लापरवाही और जल निकासी की खराब व्यवस्था को जिम्मेदार ठहराया।
उप मंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) अरुण शर्मा ने पुष्टि की कि कई घरों में पानी घुस गया है और कहा कि वह प्रभावित इलाकों का निरीक्षण कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीमें अलर्ट पर हैं और किसी भी तरह की जनहानि से बचने के लिए यातायात अस्थाई रूप से रोक दिया गया है।
अधिकारियों के अनुसार, राज्य में 941 ट्रांसफार्मर से बिजली आपूर्ति और 95 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हुई हैं।
स्थानीय मौसम विभाग ने राज्य के सात जिलों के अलग-अलग इलाकों में 30 अगस्त तक भारी बारिश होने का पूर्वानुमान जताते हुए ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है।
शनिवार रात से राज्य के कई हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश जारी है। पंडोह में सबसे अधिक 123 मिलीमीटर, कसौली में 105 मिलीमीटर, जोत में 104.6 मिलीमीटर और मंडी तथा नेरी में 100-100 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है।
मौसम विभाग ने बताया कि सुंदरनगर में 69.8 मिलीमीटर, करसोग में 68 मिलीमीटर, ऊना में 60.8 मिलीमीटर, जोगिंदरनगर में 54 मिलीमीटर, नाडाऊ में 52.8 मिलीमीटर, बग्गी में 44.7 मिलीमीटर, धरमपुर में 44.6 मिलीमीटर और मनाली में 50 मिलीमीटर बारिश हुई है।
अधिकारियों के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में 20 जून को मानसून की दस्तक के बाद बारिश संबंधी घटनाओं में कम से कम 155 लोगों की मौत हो चुकी है और 37 लापता हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य में 77 बार अचानक बाढ़ आने, 40 बार बादल फटने और 79 बार भूस्खलन की घटनाएं हो चुकी हैं।
अधिकारियों के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश को इस बार मानसून में बारिश से संबंधित घटनाओं में 2,348 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि राज्य में मानसून के दौरान एक जून से 24 अगस्त तक सामान्य (571.4 मिलीमीटर) से 16 प्रतिशत अधिक (662.3 मिलीमीटर) बारिश हुई है।
भाषा
राखी पारुल
पारुल
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