कठुआ: कठुआ जिले में बादल फटने से चार लोगों की मौत हो गई. रेलवे ट्रैक, राष्ट्रीय राजमार्ग और स्थानीय पुलिस स्टेशन को नुकसान पहुंचा. जबकि जोड गांव में अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन में छह लोग फंस गए और कई संपर्क सड़कें बह गईं. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
जोड गांव की स्थिति पर बोलते हुए कठुआ के उपायुक्त राजेश शर्मा ने कहा कि बचाव दल मौके पर मौजूद हैं और अभियान जारी है.
इससे पहले, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि पुलिस, सेना और सिविल प्रशासन की टीमें बचाव कार्य कर रही हैं और हालात पर करीबी नजर रखी जा रही है.
एक्स पर पोस्ट में जितेंद्र सिंह ने लिखा, “जंगलोट क्षेत्र में बादल फटने की जानकारी मिलने के बाद एसएसपी कठुआ श श्रोभित सक्सेना से बात की. 4 मौतें हुई हैं. इसके अलावा रेलवे ट्रैक, राष्ट्रीय राजमार्ग और पुलिस स्टेशन कठुआ को नुकसान पहुंचा है.”
उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, “नागरिक प्रशासन, सेना और अर्द्धसैनिक बल सक्रिय हो गए हैं. स्थिति लगातार मॉनिटर की जा रही है. मृतकों के परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं.”
इस बीच, किश्तवाड़ जिले में 14 अगस्त को मचैल माता यात्रा के दौरान बादल फटने से आई बाढ़ में करीब 55 लोगों की मौत के बाद सुरक्षा बलों ने बचाव और राहत अभियान तेज कर दिया है.
काउंटर इंसर्जेंसी फोर्स डेल्टा के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) मेजर जनरल एपीएस बल ने कहा कि सभी सुरक्षा बल जितना संभव हो सके उतने लोगों को बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, “…सभी सुरक्षा बल प्रभावित इलाके से जितना संभव हो सके उतने लोगों को बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. हम स्थानीय लोगों को भी राहत दे रहे हैं जो इस आपदा से प्रभावित हुए हैं… भारतीय सेना सबसे पहले इस आपदा पर प्रतिक्रिया देने वाली थी और 45 मिनट के भीतर मौके पर पहुंच गई थी…”
भारतीय सेना जमीनी अभियान का नेतृत्व कर रही है. इसमें राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), बॉर्डर रोड्स ऑर्गेनाइजेशन (बीआरओ), पुलिस और स्थानीय प्रशासन सहयोग कर रहे हैं.
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