नई दिल्ली: कोरोनावायरस महामारी को देखते हुए पीएम मोदी की अध्यक्षता में सोमवार दोपहर को हुई कैबिनेट बैठक में दो बड़े निर्णय लिए गए. पीएम नरेंद्र मोदी समेत सभी केंद्रीय मंत्री और सांसद एक साल तक 30 फीसदी कम सैलरी लेंगे. इसके अलावा राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति और राज्यों के राज्यपाल भी अपनी स्वेच्छा से 30 फीसदी कम सैलरी लेंगे. यह सारा पैसा भारत के समेकित कोष (कॉन्सॉलिडेटेड फंड ऑफ इंडिया) में जाएगा.
सरकार ने सांसद निधि को भी दो साल तक के लिए स्थगित कर दिया है. सांसद निधि का इस्तेमाल कोरोना के खिलाफ लड़ाई में किया जाएगा. ये कटौती पूरे एक साल तक तक की जाएगी. इसको लेकर केन्द्र सरकार अध्यादेश जारी करेगी.
देश में बढ़ते कोरोनावायरस मामलों के बीच पीएम मोदी की कैबिनेट बैठक वीडियों कान्फ्रेंसिंग के जरिए हुई. देश में 21 दिनों के लॉकडाउन का आज 13वां दिन है. 14 अप्रैल को ये खत्म हो रहा है.
Prime Minister Narendra Modi chairs a meeting of Council of Ministers via video conferencing. Union Home Minister Amit Shah & Defence Minister Rajnath Singh also present. pic.twitter.com/BposTFEIOS
— ANI (@ANI) April 6, 2020
कैबिनेट बैठक के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, वेतन कटौती के लिए सरकार जल्द ही अध्यादेश लाएगी. एक अप्रैल 2020 से यह फैसला लागू होगा. वहीं एक साल तक सभी पूर्व सांसदों की पेंशन में 30 प्रतिशत की कटौती की जाएगी. राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यों के राज्यपालों ने स्वेच्छा से सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में वेतन कटौती का फैसला किया है. यह पैसा भारत के समेकित कोष में जाएगा.
जावड़ेकर के अनुसार, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संसद अधिनियम, 1954 के सदस्यों के वेतन, भत्ते और पेंशन में संशोधन के अध्यादेश को मंजूरी दे दी है.जब संसद का सत्र शुरू होगा तो उसमें इस बारे में कानून पारित करा लिया जाएगा. सभी सांसदों की 2 साल की सांसद निधि संयुक्त रूप से 7900 करोड़ रुपये होगी.
लॉकडाउन खत्म होने के सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने कहा, इसे लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है. सरकार इस मामले पूरी तरह से नजर बनाए हुए है. उचित समय पर लॉकडाउन हटने की जानकारी दी जाएगी.