नयी दिल्ली, 26 मई (भाषा) भारत में एक दिन में कोविड-19 के 2,628 नए मामले सामने आने से कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की कुल संख्या 4,31,44,820 हो गयी जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 15,414 पर पहुंच गयी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के बृहस्पतिवार सुबह आठ बजे तक अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, 18 और मरीजों के महामारी से जान गंवाने के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 5,24,525 हो गयी है। उपचाराधीन मरीजों की संख्या संक्रमण के कुल मामलों का 0.04 प्रतिशत है जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर 98.75 प्रतिशत है।
आंकड़ों के अनुसार, बीते 24 घंटे में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 443 की वृद्धि दर्ज की गयी है। संक्रमण की दैनिक दर 0.58 प्रतिशत दर्ज की गयी और साप्ताहिक संक्रमण दर 0.51 प्रतिशत रही। इस बीमारी से स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 4,26,04,881 हो गयी है जबकि मृत्यु दर 1.22 प्रतिशत है। देशव्यापी कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक कोविड रोधी टीकों की 192.82 करोड़ खुराकें दी जा चुकी है।
गौरतलब है कि देश में सात अगस्त 2020 को कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त 2020 को 30 लाख और पांच सितंबर 2020 को 40 लाख से अधिक हो गई थी। संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर 2020 को 50 लाख, 28 सितंबर 2020 को 60 लाख, 11 अक्टूबर 2020 को 70 लाख, 29 अक्टूबर 2020 को 80 लाख और 20 नवंबर 2020 को 90 लाख के पार चले गए थे।
देश में 19 दिसंबर 2020 को ये मामले एक करोड़ से अधिक हो गए थे। पिछले साल चार मई को संक्रमितों की संख्या दो करोड़ और 23 जून 2021 को तीन करोड़ के पार पहुंच गई थी। इस साल 26 जनवरी को मामले चार करोड़ के पार हो गए थे।
मंत्रालय ने बताया कि देश में जिन 18 और मरीजों ने जान गंवाई है, उनमें से 13 की मौत केरल में, चार की दिल्ली और एक की राजस्थान में हुई। इस महामारी से अभी तक कुल 5,24,525 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 1,47,857 की मौत महाराष्ट्र में, 69,643 की केरल में, 40,106 की कर्नाटक में, 38,025 की तमिलनाडु में, 26,207 की दिल्ली में, 23,519 की उत्तर प्रदेश में और 21.203 लोगों की मौत पश्चिम बंगाल में हुई।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अब तक जिन लोगों की कोरोना वायरस संक्रमण से मौत हुई है, उनमें से 70 प्रतिशत से अधिक मरीजों को अन्य बीमारियां भी थीं। मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि उसके आंकड़ों का भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के आंकड़ों के साथ मिलान किया जा रहा है।
भाषा
गोला मनीषा
मनीषा
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