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Saturday, 23 November, 2024
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भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण में हुआ खुलासा एएसआई के 24 संरक्षित स्मारक हुए गायब

लोकसभा में केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने बताया कि 321 केंद्रीय संरक्षित स्मारकों में अतिक्रमण की घटनाएं हुई हैं जबकि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के 24 ऐसे स्मारकों की सूची है जिनके बारे में पता नहीं चला है.

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नयी दिल्ली: सरकार ने सोमवार को लोकसभा में बताया कि 321 केंद्रीय संरक्षित स्मारकों में अतिक्रमण की घटनाएं हुई हैं. इसके अलावा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के 24 ऐसे स्मारकों की सूची है जिनके बारे में पता नहीं चला है. हालांकि वो कौन से स्मारक हैं उसके बारे में सूचना अभी नहीं दी गई है.

संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय संस्मारक और पुरावशेष मिशन ने अपने डेटाबेस के लिए एक समान फार्मेट में विभिन्न स्रोतों से लगभग 1, 83, 345 निर्मित विरासत और स्थलों का प्रलेखीकरण किया है जिसमें केंद्रीय संरक्षित और असंरक्षित स्मारक भी हैं.

पटेल ने बताया कि देश में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित किए जा रहे राष्ट्रीय महत्व के कुल 3691 स्मारक हैं . उन्होंने बताया कि 321 केंद्रीय संरक्षित स्मारकों में अतिक्रमण की घटनाएं हुई हैं. इसके अलावा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के 24 ऐसे स्मारकों की सूची है जिनके बारे में पता नहीं चला है. पर्यटन मंत्री ने इनटैक से प्राप्त सूचना के हवाले से बताया कि अभी तक लगभग 500 नगरों में लगभग 70,000 स्मारकों का लेआउट प्लान तैयार किया गया है.

पांच पुरातात्विक स्थलों को बनाया जाएगा संग्रहालय

वहीं केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने सोमवार को लोकसभा को यह भी बताया कि हस्तिनापुर सहित पांच पुरातात्विक स्थलों को साइट पर संग्रहालयों के साथ प्रतिष्ठित स्थानों के रूप में विकसित किया जाएगा.

एक प्रश्न के लिखित उत्तर में, पटेल ने कहा कि 2020-21 के केंद्रीय बजट भाषण के अनुसार, पांच पुरातत्व स्थल राखीगढ़ी (हरियाणा), हस्तिनापुर (उत्तर प्रदेश), शिवसागर (असम), धोलावीरा (गुजरात) और आदिचनल्लूर (तमिलनाडु) में संग्रहालयों के साथ प्रतिष्ठित स्थलों के रूप में विकसित किए जाएंगे.

सरकार ने विभिन्न योजनाओं को लागू करने के लिए संस्कृति मंत्रालय के लिए 3,149.86 करोड़ रुपये और पर्यटन मंत्रालय को 2,-2147 करोड़ रुपये का आवंटन प्रस्तावित किया है.

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1 टिप्पणी

  1. Hamare Ghar ki khudai me kuch maharani Victoria ke sikke mile Jo 1853 ke h
    Or kuch gwaliar ke maraja ke sikke Jo 1883 ke h
    Or kuch British shasn ke Jo 1909 ke shamay ke h

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