scorecardresearch
Friday, 15 November, 2024
होमदेशनारेडको ने अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए 200 अरब डॉलर के राहत पैकेज की मांग की

नारेडको ने अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए 200 अरब डॉलर के राहत पैकेज की मांग की

नारेडको के अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि कोरोनावायरस संकट से निपटने के लिए लागू बंदी से रीयल एस्टेट क्षेत्र को कम से कम एक लाख करोड़ रुपये का नुकसान होगा.

Text Size:

नई दिल्ली : रीयल एस्टेट कंपनियों के संगठन नारेडको ने सरकार से भारतीय अर्थव्यवस्था को कोविड-19 के प्रतिकूल प्रभाव से बचाने के लिए कम से कम 200 अरब डॉलर का प्रोत्साहन पैकेज देने की मांग की है.

इसके अलावा नारेडको ने कहा है कि कंपनियों को दिवालिया होने से बचाने और विदेशी इकाइयों द्वारा उनके अधिग्रहण की संभावना को समाप्त करने के लिए दिवाला कानून के प्रावधानों को छह महीने के लिए स्थगित रखा जाना चाहिए.

नारेडको के अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए लागू बंदी से रीयल एस्टेट क्षेत्र को कम से कम एक लाख करोड़ रुपये का नुकसान होगा.

उन्होंने कहा कि सरकार को रीयल एस्टेट कंपनियों को एकबारगी ऋण पुनर्गठन की अनुमति देनी चाहिए और उन्हें अतिरिक्त नकदी उपलब्ध करानी चाहिए जिससे वे कारोबारी गतिविधियां फिर शुरू कर सकें.

हीरानंदानी ने कहा कि रीयल एस्टेट क्षेत्र में संपत्तियों के दाम 10 से 15 प्रतिशत तक घट सकते हैं. यदि राहत पैकेज नहीं मिलता है तो इस क्षेत्र में नौकरियों की कटौती हो सकती है और कर्मचारियों का वेतन घटाया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि सर्दियों की फसल की कटाई और गर्मियों की फसल की बुवाई की वजह से क्षेत्र को जून तक श्रमबल की कमी का सामना करना पड़ सकता है.

हीरानंदानी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘यह संभवत: सबसे बुरी मंदी का दौर है जो मैंने अपने 40 साल के करियर में देखा है. वास्तव में मांग घट गई है.’

उन्होंने अमेरिका और कई यूरोपीय देशों का उदाहरण दिया जिन्होंने इस संकट के समय अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 10 प्रतिशत तक प्रोत्साहन पैकेज दिया है. हीरानंदानी ने कहा कि सरकार को भी भारतीय अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ा करने के लिए कम से कम 200 अरब डॉलर के राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए.

share & View comments