छिंदवाड़ा (मध्यप्रदेश), आठ अक्टूबर (भाषा) मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ला ने बुधवार को कहा कि राज्य में ‘दूषित’ कफ सिरप पीने से गुर्दे (किडनी) में संक्रमण से अब तक 20 बच्चों की मौत हो चुकी है जबकि पांच की हालत गंभीर है, जिनका नागपुर में इलाज जारी है।
छिंदवाड़ा के इन बच्चों की मौत गुर्दों के संदिग्ध रूप से फेल होने के कारण हुई है, जो ‘विषाक्त’ कोल्ड्रिफ कफ सिरप के सेवन से जुड़ी है।
मृतक बच्चों के परिजनों से मुलाकात के बाद यहां पत्रकारों से बातचीत में शुक्ला ने कहा, ‘इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में छिंदवाड़ा, बैतूल और पांढुरना को मिलाकर कुल 20 मासूम बच्चों की मौत हो चुकी है।’
उन्होंने बताया कि छिंदवाड़ा के 17, बैतूल के दो और पांढुरना के एक बच्चे की अभी तक मौत हुई है जबकि पांच बच्चों का नागपुर में इलाज जारी है।
उन्होंने कहा, ‘दो बच्चे नागपुर एम्स में, दो शासकीय अस्पताल में जबकि एक बच्चा निजी अस्पताल में भर्ती है। सभी लोग इन बच्चों की जान बचाने की कोशिश कर रहे हैं।’
शुक्ला राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के साथ ही उपमुख्यमंत्री भी हैं। उन्होंने मंगलवार को मध्यप्रदेश से सटे महाराष्ट्र के नागपुर का दौरा किया था और वहां इलाजरत बच्चों के परिजनों से मुलाकात की थी।
उन्होंने कहा कि कोल्ड्रिफ कफ सिरप बनाने वाली कंपनी के मालिक को गिरफ्तार करने के लिए छिंदवाड़ा से पुलिस की एक टीम तमिलनाडु के कांचीपुरम पहुंच चुकी है।
उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में बहुत सख्त है और कड़ी से कड़ी कार्रवाई कर रही है।
ज्ञात हो कि मंगलवार को छिंदवाड़ा के दो और बच्चों की नागपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई थी जबकि एक बच्चे की मौत सोमवार को हुई थी।
इस मामले में जांच के बीच सोमवार को राज्य सरकार ने दो औषधि निरीक्षकों और खाद्य एवं औषधि प्रशासन के एक उप निदेशक को निलंबित कर दिया था और राज्य के औषधि नियंत्रक का भी तबादला कर दिया।
छिंदवाड़ा के डॉ. प्रवीण सोनी को लापरवाही के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, जबकि कोल्ड्रिफ कफ सिरप बनाने वाली कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
मध्यप्रदेश पुलिस ने मौतों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है और तमिलनाडु में स्थित कोल्ड्रिफ कफ सिरप की निर्माता कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
भाषा सं ब्रजेन्द्र मनीषा
मनीषा
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