रायपुर, 23 नवंबर (भाषा) छत्तीसगढ़ के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो/आर्थिक अपराध शाखा ने रविवार को पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान सामने आए शराब और जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) ‘घोटालों’ के संबंध में 19 स्थानों पर तलाशी ली। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
एसीबी/ईओडब्ल्यू के एक अधिकारी ने बताया कि शराब ‘घोटाला’ मामले में आठ जगहों पर तलाशी ली गई, जिनमें बिलासपुर जिले में चार, रायपुर में दो और दुर्ग व बस्तर में एक-एक जगह शामिल है।
उन्होंने बताया कि ये परिसर भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के सेवानिवृत्त अधिकारियों – अनिल टुटेजा और निरंजन दास के रिश्तेदारों से जुड़े हैं, जिन्हें कथित शराब घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था।
अधिकारी ने बताया, ‘‘इसी तरह, डीएमएफ मामले में 11 जगहों पर तलाशी ली गई, जिनमें रायपुर जिले में चार, बिलासपुर और सरगुजा में दो-दो, तथा कोंडागांव, बलरामपुर और धमतरी में एक-एक जगह शामिल है। ये परिसर हरपाल सिंह अरोड़ा, ठेकेदारों और उनसे जुड़े लोगों से संबंधित हैं।’’
उन्होंने बताया कि इन छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जब्त किए गए।
अधिकारी ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दोनों कथित घोटालों में धन शोधन के पहलू की जांच कर रहा है, जबकि राज्य का एसीबी/ईओडब्ल्यू भ्रष्टाचार और आपराधिक संबंधों की जांच कर रहा है।
राज्य में 2,500 करोड़ रुपये से अधिक का कथित शराब घोटाला 2019 और 2022 के बीच किया गया, जबकि कथित डीएमएफ अनियमितताएं 2021 और 2023 के बीच हुईं। छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की अगुवाई में 2018 से 2023 तक कांग्रेस की सरकार थी।
शराब मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों में भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल, कांग्रेस विधायक कवासी लखमा, व्यवसायी अनवर ढेबर, पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा और निरंजन दास, भारतीय दूरसंचार सेवा (आईटीएस) अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी शामिल थे।
भाषा शफीक नरेश
नरेश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.
