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Wednesday, 25 September, 2024
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महाराष्ट्र के रायगढ़ में 5 मंजिला इमारत ढहने के बाद अब भी 19 लोग लापता

राज्य आपदा प्रबंधन इकाई के मंत्रालय राज्य नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने बताया कि महाड तहसील के काजलपुरा में ‘तारक गार्डन’ इमारत सोमवार देर शाम करीब सात बजे ढह गयी.

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मुंबई: महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में पांच मंजिला आवासीय इमारत गिरने के हादसे के एक दिन बाद भी बचावकर्मियों ने मलबे में जीवितों की तलाश जारी रखी, वहीं पुलिस ने कहा कि 19 लोग अब भी लापता हैं.

रायगढ़ के पुलिस अधीक्षक अनिल पारस्कर ने बताया कि मलबे से अब तक आठ लोगों को बचाया गया है और 19 लोग अब भी लापता हैं.

उन्होंने बताया कि इमारत ढहने के दौरान पत्थर गिरने से चोटिल हुए एक शख्स की सोमवार रात दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गयी.

पारस्कर ने कहा, ‘यह व्यक्ति इस इमारत में नहीं रहता था लेकिन जिस समय यह गिरी तब वहां पास से निकल रहा था और उसे पत्थर लगा. उसकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई.’

राज्य आपदा प्रबंधन इकाई के मंत्रालय राज्य नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने बताया कि महाड तहसील के काजलपुरा में ‘तारक गार्डन’ इमारत सोमवार देर शाम करीब सात बजे ढह गयी.

अधिकारी ने बताया कि इमारत में करीब 40 फ्लैट थे. उन्होंने बताया कि बचाये गये लोगों को महाड के एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है. यह जगह मुंबई से करीब 170 किलोमीटर दूर है.

बचाव कार्य के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम मौके पर काम कर रही है.


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64 वर्षीय बुजुर्ग अपनी बेटी और नाती-नतिनी की तलाश में बेचैन

महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में पांच मंजिला आवासीय इमारत गिरने की खबर सुनते ही 64 वर्षीय मोहम्मद अली तत्काल घटनास्थल पर पहुंचे ताकि वह इस इमारत में रहने वाली अपनी बेटी और उसके बच्चों की स्थिति जान सकें लेकिन अब तक उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है.

अली रायगढ़ जिले के मंदानगढ़ के रहने वाले हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें ढही इमारत ‘तारक गार्डन’ में रहने वाली अपनी बेटी और उसके तीन बच्चों की स्थिति के बारे में कोई जानकारी नहीं है.

उन्होंने कहा, ‘मुंबई में रहनेवाले मेरे बेटे ने मुझे सोमवार रात फोन करके इमारत गिरने की जानकारी दी. मैं तत्काल मंदानगढ़ से यहां के लिए रवाना हो गया.’

मंदानगढ़ घटनास्थल से 40 किलोमीटर दूर है और अली सोमवार रात में ही यहां पहुंच गए और तब से घटनास्थल पर ही हैं. वह अपने परिजन के बारे में जानकारी पाने के लिए बेचैन हैं.

उन्होंने कहा, ‘मेरी बेटी अपनी पांच साल और दो साल की बेटियों और तीन साल के एक बेटे के साथ यहां रहती है. मुझे उनके बारे में कोई जानकारी नहीं है. अधिकारी मुझे मलबे में उनकी तलाश करने नहीं दे रहे हैं.’


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