लखनऊ/प्रयागराजः उत्तर प्रदेश पुलिस ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और श्रीमठ बाघंबरी गद्दी के महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु मामले की जांच के लिए मंगलवार को 18 सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया और हरिद्वार में संत के एक शिष्य को हिरासत में ले लिया.
इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महंत की मृत्यु से जुड़े सभी पहलुओं की जांच की जा रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी कहा कि उनकी सरकार मामले की हर तरह की जांच के लिए तैयार है. समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उच्च न्यायालय के किसी मौजूदा न्यायाधीश से मामले की न्यायिक जांच की मांग की.
महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु मामले की सीबीआई जांच के अनुरोध वाली एक याचिका इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को भी भेजी गई है.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि सोमवार को अपने मठ के एक कमरे में मृत पाये गए थे. पुलिस के मुताबिक, गिरि ने कथित तौर पर पंखे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. महंत के शव का पोस्टमार्टम बुधवार को किया जाएगा.
पुलिस ने कहा कि एक कथित सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें महंत ने लिखा है कि वह मानसिक रूप से परेशान हैं और अपने एक शिष्य से व्यथित हैं.
एक विज्ञप्ति के अनुसार प्रयागराज एसएसपी द्वारा गठित 18 सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) में दो क्षेत्राधिकारी शामिल होंगे.
इस बीच, लखनऊ में अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा कि राज्य पुलिस ने सोमवार रात हरिद्वार में संत के शिष्य आनंद गिरि को हिरासत में ले लिया. कुमार ने कहा कि आनंद गिरि के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज होने के बाद उन्हें हिरासत में लिया गया.
कुमार ने कहा कि सुसाइड नोट में तीन लोगों के नाम थे और प्राथमिकी के आधार पर आनंद गिरि को हिरासत में लिया गया. उन्होंने कहा, ‘उसे आगे की जांच के लिए प्रयागराज लाया जा रहा है.’ उन्होंने कहा कि मामले में सबूत एकत्र किए जा रहे हैं.
अधिकारी ने कहा कि मामले की ‘निष्पक्ष और पारदर्शी’ जांच जारी है और राज्य पुलिस मामले को संभालने में सक्षम है. सुसाइड नोट की सत्यता के बारे में कुमार ने कहा कि फॉरेंसिक विशेषज्ञ इसकी जांच कर रहे हैं.
महंत नरेंद्र गिरि को श्रद्धांजलि देने प्रयागराज पहुंचे मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने संवाददाताओं से कहा कि मामले को जल्द सुलझा लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि मामले से जुड़े हर पहलू का पर्दाफाश किया जाएगा और दोषियों को दंडित किया जाएगा.
दिवंगत महंत को पुष्पांजलि अर्पित करने वाले उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि दोषी बच नहीं पाएंगे और उनकी सरकार हर तरह की जांच लिए तैयार है, चाहे वह पुलिस द्वारा हो या सीबीआई द्वारा हो.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को उच्च न्यायालय के किसी मौजूदा न्यायाधीश से न्यायिक जांच की मांग की.
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री यादव ने इलाहाबाद में बाघंबरी मठ का दौरा भी किया और दिवंगत महंत को श्रद्धांजलि दी.
इस बीच, एक वकील, सुनील चौधरी ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को एक याचिका भेजकर मामले की सीबीआई जांच की मांग की. चौधरी ने कहा कि कुछ समाचार पोर्टलों के अनुसार, मामले में उत्तर प्रदेश के एक उच्च पदस्थ पुलिस अधिकारी और भू-माफिया शामिल है.
याचिका में कहा गया है कि जांच सीबीआई को हस्तांतरित की जानी चाहिए और राज्य सरकार को प्रयागराज के जिला मजिस्ट्रेट और एसएसपी को निलंबित करने का निर्देश दिया जाना चाहिए.
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