नयी दिल्ली, 19 सितंबर (भाषा) दिल्ली के बटला हाउस इलाके में हुई मुठभेड़ के 17 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित एक विरोध मार्च के दौरान शुक्रवार शाम जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कई विद्यार्थियों को हिरासत में लिया गया।
छात्र संगठन ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) ने आरोप लगाया कि हिरासत ‘अपहरण’ के समान है और विश्वविद्यालय प्रशासन पर अधिकारियों के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया।
आरोपों पर विश्वविद्यालय की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
एक बयान में, आइसा ने आरोप लगाया कि छात्राओं सहित लगभग 20 विद्यार्थियों को परिसर में घसीटा गया और ‘गेट नंबर 7 के बाहर इंतजार कर रहे पुलिसकर्मियों को सौंप दिया गया।”
उसने दावा किया कि हिरासत में लिए गए लोगों में आइसा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सैय्यद इश्फाक, आइसा जामिया सचिव सौरभ और दो अन्य छात्र नेता शामिल हैं।
संगठन ने कहा कि वह 19 सितंबर 2008 को बटला हाउस में हुई मुठभेड़ की न्यायिक जांच की मांग कर रहा है, जिसमें दो युवक आतिफ अमीन और मोहम्मद साजिद मारे गए थे।
आरोपों को खारिज करते हुए, दक्षिण पूर्वी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) हेमंत तिवारी ने कहा, ‘आइसा कार्यकर्ता गेट नंबर 7 से बाहर आए और खलीलुल्लाह मस्जिद की ओर मार्च करने की कोशिश की। बार-बार अनुरोध के बावजूद, वे मार्च करने पर अड़े रहे। उचित चेतावनी और एहतियात के बाद, उन्हें हिरासत में लिया गया। किसी को भी घसीटा नहीं गया।’
भाषा नोमान पारुल
पारुल
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.