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Thursday, 21 November, 2024
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मौजूदा 151 सांसदों, विधायकों पर महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले, 16 पर दुष्कर्म का आरोप: ADR रिपोर्ट

एडीआर ने 2019 और 2024 के बीच चुनावों के दौरान निर्वाचन आयोग को सौंपे गए मौजूदा सांसदों और विधायकों के 4,809 हलफनामों में से 4,693 की जांच की. जिसके बाद महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामलों का सामना कर रहे 16 सांसदों और 135 विधायकों को चिह्नित किया गया.

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नई दिल्ली: देश में 151 मौजूदा सांसदों और विधायकों ने अपने चुनावी हलफनामों में महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामलों की जानकारी दी है. इनमें पश्चिम बंगाल के सांसदों और विधायकों की संख्या सबसे अधिक है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई.

एडीआर ने 2019 और 2024 के बीच चुनावों के दौरान निर्वाचन आयोग को सौंपे गए मौजूदा सांसदों और विधायकों के 4,809 हलफनामों में से 4,693 की जांच की. जिसके बाद महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामलों का सामना कर रहे 16 सांसदों और 135 विधायकों को चिह्नित किया गया.

रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित आरोपों का सामना कर रहे 25 सांसदों और विधायकों के साथ पश्चिम बंगाल शीर्ष पर है, जिसके बाद आंध्र प्रदेश में 21 और ओडिशा में 17 सांसद-विधायक हैं.

यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ कथित बलात्कार और हत्या तथा ठाणे में दो बच्चियों के यौन उत्पीड़न की घटनाओं को लेकर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, 16 मौजूदा सांसद और विधायक ऐसे हैं, जिन्होंने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 के तहत बलात्कार से संबंधित मामलों की जानकारी दी है, जिसके लिए न्यूनतम 10 साल की सजा का प्रावधान है और इसे आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है. इनमें से दो सांसद और 14 विधायक हैं.

आरोपों में एक ही पीड़िता के खिलाफ बार-बार अपराध की घटनाएं भी शामिल हैं, जो इन मामलों की गंभीरता को और अधिक रेखांकित करता है.

रिपोर्ट के अनुसार, राजनीतिक दलों में सबसे अधिक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 54 सांसद और विधायक हैं, जिनके खिलाफ महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामले हैं. इसके बाद कांग्रेस के 23 और तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के 17 सांसद-विधायक हैं.

भाजपा और कांग्रेस दोनों के ही पांच-पांच मौजूदा सांसद-विधायक बलात्कार के आरोपों का सामना कर रहे हैं.

चुनाव सुधार के लिए काम करने वाली संस्था एडीआर ने राजनीतिक दलों को आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को टिकट देने से परहेज करने की आवश्यकता पर जोर दिया, खासकर उन लोगों को जिन पर बलात्कार और महिलाओं के खिलाफ अन्य अपराधों के आरोप हैं.

रिपोर्ट में सांसदों-विधायकों के खिलाफ अदालती मामलों की त्वरित सुनवाई तथा पुलिस द्वारा पेशेवर तरीके से और गहन जांच सुनिश्चित करने का आह्वान किया गया है.

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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