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Friday, 22 November, 2024
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छात्र चुनाव में अनुशासनहीनता के आरोप में हिंदू कॉलेज के 15 छात्र रस्टीकेट, 3 अन्य पर चल रही है कार्रवाई

छात्रों को अनुशासनहीनता, संस्थागत संपत्ति को नष्ट करने और शैक्षणिक कामकाज में व्यवधान के आरोप में रस्टीकेट किया गया है.

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नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज के लगभग 15 छात्रों को कॉलेज संघ चुनाव के दौरान “अनुशासनहीनता” के आरोप में रस्टीकेट कर दिया गया है और तीन अन्य के खिलाफ कार्रवाई चल रही है.

हिंदू कॉलेज की प्रिंसिपल प्रोफेसर अंजू श्रीवास्तव ने पीटीआई को बताया, “यह कार्रवाई कॉलेज की डिसिप्लिनरी रिसोर्स कमिटी की सिफारिशों पर की गई है, जिसने कॉलेज चुनाव के दौरान व्यवधान में इन छात्रों की संलिप्तता पाई है. छात्रों को बाधा में उनकी भागीदारी के स्तर के आधार पर एक सीमित अवधि के लिए रस्टीकेट कर दिया जाता है.”

27 अक्टूबर को एक ई-मेल में, कॉलेज की डिसिप्लिनरी रिसोर्स कमिटी ने छात्रों को सूचित किया कि 15-18 सितंबर के दौरान कॉलेज में छात्र संघ के चुनाव के दौरान उनकी ओर से “अनुशासनहीनता” देखी थी.

समिति ने अपने ईमेल में छात्रों के साथ 16 अक्टूबर की बैठक का हवाला दिया, जिसके दौरान उन्हें कथित घटनाओं में उनकी “संलिप्तता” की तस्वीरें और वीडियो दिखाए.

पत्र में लिखा है कि “…समिति ने पाया है कि 15-18 सितंबर के दौरान आपका आचरण घोर अनुशासनहीनता के अंतर्गत आता है.”

हिंदू कॉलेज के छात्रों ने सितंबर में कॉलेज में ‘प्रधानमंत्री’ और केंद्रीय पार्षदों के पदों के लिए 30 छात्रों के नामांकन खारिज होने पर भूख हड़ताल की थी. हिंदू कॉलेज में छात्र संघ के प्रमुख को प्रेसिडेंट के बजाय ‘प्रधान मंत्री’ कहा जाता है.

कॉलेज ने नामांकन रद्द करने का कारण कम उपस्थिति बताया, मामला बढ़ने के बाद जांच के आदेश दिए थे और पुलिस कार्रवाई की मांग की थी.

एक छात्र, जिसे रस्टीकेट कर दिया गया है, ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “कॉलेज ने प्रैक्टिकल में हमारी उपस्थिति पर विचार नहीं किया और केवल थ्योरी कक्षाओं में उपस्थिति को ही देखा. हमने प्रशासन से हमारी उपस्थिति जारी करने के लिए एक नोटिस जारी करने की मांग की.”

15 छात्र रस्टीकेट

लिंगदोह समिति द्वारा संघ चुनावों में भाग लेने वाले छात्रों के लिए निर्धारित पात्रता मानदंड के अनुसार, छात्रों की न्यूनतम 75 प्रतिशत उपस्थिति होनी चाहिए.

डीआरसी समिति के प्रमुख, रामेश्वर राय ने कहा, “चुनाव के दौरान हुए व्यवधान में शामिल होने के कारण लगभग 15 छात्रों को रस्टीकेट कर दिया गया है और तीन अन्य के बारे में पूछताछ चल रही है. अनुशासनात्मक समिति द्वारा इन्हें लगभग चार महीने के लिए रस्टीकेट किया गया है.”

छात्रों को अनुशासनहीनता, संस्थागत संपत्ति को नष्ट करने और शैक्षणिक कामकाज में व्यवधान के आरोप में रस्टीकेट कर दिया गया है.

रस्टीकेट छात्रों को एक शपथ पत्र में यह वचन देने के लिए कहा गया है कि वे भविष्य में ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होंगे.


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