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Sunday, 22 December, 2024
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गोंडा के 130 स्कूली छात्र बहराइच के जंगलों में फंसे, प्रशासन ने सुरक्षित वापस पहुंचाया

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बहराइच (उप्र) 22 दिसंबर (भाषा) बहराइच में एक स्कूल के प्रबंधन की कथित लापरवाही के कारण शनिवार रात गोंडा जिले के 130 छात्रों व कर्मचारियों समेत 155 लोग कतर्नियाघाट जंगल में फंस गए।

बहराइच की जिलाधिकारी मोनिका रानी को मामले के बारे में पता चला तो उन्होंने उप जिलाधिकारी (एसडीएम) को भेजकर सभी को सुरक्षित वापस गोंडा पहुंचाने का इंतजाम कराया।

स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता जंग हिंदुस्तानी ने रविवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से बताया कि शनिवार को गोंडा जिले के एक स्कूल के अधिकारी व कर्मचारी 130 छात्रों को नेपाल भ्रमण के लिए भारत-नेपाल की सीमा के निकट स्थित रुपईडीहा कस्बा लेकर पहुंचे।

हिंदुस्तानी ने कहा कि हालांकि अपराह्न तीन बजे तक उन्हें रुपईडीहा बार्डर पर सीमा के उस पार जाने की अनुमति नहीं मिली और कहा गया कि वे सीमा बंद होने से पहले छात्रों को वापस नहीं ला सकेंगे।

उन्होंने कहा कि इसके बाद प्रबंधक ने तीनों बसों को कतर्नियाघाट की ओर मुड़वा दिया, जिसके बाद पांच वन चौकियां पार करके बसें कतर्नियाघाट में घने जंगल में स्थित आम्बा गांव पहुंच गयीं।

उन्होंने कहा कि यहां नेपाल की ओर जाने वाला दूसरा रास्ता है, हालांकि कुछ देर बच्चों को जंगल में घुमाने के बाद बसों को नेपाल ले जाने की कोशिश की गई लेकिन यहां भी उन्हें रोक दिया गया।

उन्होंने कहा कि शाम के करीब पांच बज चुके थे, तब तक बसों को लेकर वापस शहर लौटना था।

हिंदुस्तानी ने बताया कि सामाजिक कार्यकर्ताओं व स्थानीय पुलिस ने उन्हें वापस जाने को कहा, लेकिन प्रबंधकों ने जंगल के बीच सुनसान इलाके में स्थित बिछिया रेलवे स्टेशन पर बच्चों को खुले स्थान पर बिठा दिया।

उन्होंने कहा कि ठंड बढ़ रही थी और बच्चे सर्दी से कांप रहे थे, इसलिए उन्होंने उन्हें वापस शहर की तरफ या पास के एक गांव में जाने को कहा लेकिन प्रबंधक नहीं माने और वहीं खुले स्थान में रूक कर बसों में रात बिताने की बात पर अड़े रहे।

उन्होंने बताया एसडीएम (मोतीपुर) संजय कुमार, पुलिस व वन विभाग के अधिकारियों ने पहुंचकर सभी के लिए भोजन का इंतजाम कराया, अलाव जलवाए और सभी को वापस गोंडा रवाना किया।

कुमार ने कहा, “स्कूल प्रबंधन ने बहुत गैरजिम्मेदाराना काम किया। सभी बच्चों व कर्मचारियों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई थी। प्रबंधकों को भविष्य में ऐसा ना करने की कड़ी हिदायत देकर उन्हें सुरक्षा के साथ जंगल से बाहर निकाल कर गोंडा रवाना कर दिया गया है।”

भाषा सं आनन्द जोहेब

जोहेब

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यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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