मुम्बई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने मंगलवार को 26/11 हमले की 11वीं बरसी पर हमले में मारे गए 166 लोगों को श्रद्धांजलि दी.
मुम्बई हमले की 11वीं बरसी पर दक्षिण मुंबई के मरीन लाइन्स इलाके में पुलिस स्मारक स्थल पर आयोजित माल्यार्पण समारोह में मुख्यमंत्री ने शिरकत की.
फडणवीस ने कहा, ‘मैं 26/11 हमले के दौरान मुम्बई की रक्षा करने के लिए अपनी जान न्योछावर करने वाले पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. हमें उन पर गर्व है और राज्य की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेंगे.’
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने भी शहीदों का श्रद्धांजलि दी.
मुख्य सचिव अजोय मेहता, पुलिस माहनिदेशक सुबोध कुमार जायसवाल, मुम्बई पुलिस आयुक्त संजय बर्वे और अन्य पुलिस अधिकारी और शहीदों के परिजन भी यहां मौजूद थे.
वहीं मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर मुम्बई हमले पर एक वीडियो साझा करते हुए लिखा, ‘सेना, पुलिस के साथ आओ हम सब मिलकर देश की सुरक्षा हेतु अपना योगदान दे!’
गौरतलब है कि पाकिस्तान से आए भारी हथियारों से लैस 10 आतंकवादियों द्वारा मुम्बई में 26 नवम्बर 2008 को किए गए घातक हमले में सुरक्षाकर्मियों और विदेशियों सहित 166 लोगों की जान चली गई थी और 300 से अधिक लोग घायल हुए थे.
हमला 26 नवम्बर को शुरू हुआ था और 29 नवम्बर तक चला था.
आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) प्रमुख हेमंत करकरे, सेना के मेजर संदीप उन्नीकृष्णन, मुम्बई के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अशोक कामटे, वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक विजय सालस्कर और सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) तुकाराम ओम्बले इस हमले में मारे गए लोगों में शामिल थे.
छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, ओबेरॉय ट्राइडेंट, ताजमहल होटल, लियोपोल्ड कैफे, कामा अस्पताल और नरीमन हाउस यहूदी समुदाय केंद्र, जिसका नाम अब नरीमन लाइट हाउस है, को आतंकवादियों ने निशाना बनाया.
आतंकवादी अजमल कसाब को इस दौरान ज़िंदा पकड़ा गया था, जिसे हमले के चार साल बाद 21 नवम्बर 2012 को फांसी पर चढ़ा दिया गया था.
रेलवे अधिकारियों ने भी छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पर 26/11 स्मारक पर माल्यार्पण किया.
मुंबई हमले के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए : अमेरिका
मुंबई में करीब एक दशक पहले हुए आतंकवादी हमले के पीड़ितों को याद करते हुए अमेरिका ने कहा है कि इस जघन्य अपराध के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए.
यह भारत के इतिहास में, सर्वाधिक भयावह आतंकवादी हमलों में से एक था. इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गयी थी और 300 से अधिक लोग घायल हो गए थे.
26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान से, समुद्री रास्ते से आए दस आतंकवादियों ने मुंबई में इस आतंकवादी हमले को अंजाम दिया था.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोर्गन ओर्टागस ने हमले की 11 वीं बरसी पर ट्वीट किया, ‘11 साल पहले आतंकवाद की कायर कार्रवाई में छह अमेरिकी नागरिकों समेत 166 लोगों की जान चली गयी थी.’
Eleven years ago, a cowardly act of terrorism took the lives of 166 people, including six U.S. citizens. Today we remember the victims of the #MumbaiTerrorAttack, and stand with their families in demanding that those responsible for this heinous event face justice.
— Morgan Ortagus (@statedeptspox) November 26, 2019
ओर्टागस ने कहा, ‘आज हम मुंबई आतंकवादी हमले के पीड़ितों को याद करते हैं. हम, इस जघन्य अपराध के जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाने के उनके परिजन की मांग के साथ हैं.’
भारतीय अमेरिकी तथा विभिन्न संगठन वाशिंगटन स्थित पाकिस्तानी दूतावास के समक्ष, मुंबई आतंकवादी हमले में देश (पाकिस्तान) की भूमिका पर विरोध जताते हुए एक रैली निकालेंगे.
विरोध रैली के आयोजकों ने कहा कि मुंबई आतंकवादी हमले के दोषी पाकिस्तान में आजादी से घूम रहे हैं .
पाकिस्तानी मूल के कनाडाई तारिक फतेह ने ट्वीट किया, ‘साल 2008 में आज ही के दिन लश्कर ए तैयबा के 10 पाकिस्तानी जिहादी आतंकवादी समुद्र के रास्ते मुंबई पहुंचे और 166 से अधिक निर्दोष लोगों को मार डाला. इनमें से कुछ ताज होटल में और कुछ यहूदी सेंटर में आतंकियों के हमले में मारे गए.’