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Monday, 23 September, 2024
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स्टालिन की कॉलेजियम से अपील : न्यायाधीशों की नियुक्ति में सामाजिक न्याय पर अमल हो

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चेन्नई, 23 अप्रैल (भाषा) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने शनिवार को उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति में सामाजिक न्याय के सिद्धांत का पालन किया जाए।

चेन्नई में उच्चतम न्यायालय की एक पीठ के गठन के ‘लंबे समय से लंबित अनुरोध’ को रेखांकित करते हुए स्टालिन ने कहा कि दक्षिणी राज्यों के लोगों को न्याय पाने के लिए नयी दिल्ली जाना पड़ता है।

मुख्यमंत्री मद्रास उच्च न्यायालय में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे, जिसकी अध्यक्षता उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण ने की।

स्टालिन ने कहा, ‘‘उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति में कॉलेजियम यह सुनिश्चित करे कि नियुक्ति के अन्य मानकों के साथ सामाजिक न्याय के सिद्धांत का पालन भी किया जाए। मेरा मानना ​​है कि इस तरह से उच्चतर न्यायपालिका में समावेशी सिद्धांत को सुनिश्चित किया जा सकेगा।’’

मुख्यमंत्री ने यह भी अनुरोध किया कि राज्य की आधिकारिक भाषा, तमिल को मद्रास उच्च न्यायालय में इस्तेमाल करने की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा, ‘‘यह राज्य के लोगों और कानूनी समुदाय का काफी समय से लंबित और महत्वपूर्ण अनुरोध है।’’

उन्होंने कहा कि पहले से ही चार राज्य- राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश- अपने-अपने उच्च न्यायालयों में अपनी आधिकारिक भाषाओं का इस्तेमाल करते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह तमिलनाडु सरकार और राज्य के लोगों की ओर से अनुरोध है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि न्यायाधीश निश्चित रूप से सभी अनुरोधों पर अनुकूल तरीके से विचार करेंगे।

स्टालिन ने कहा, ‘‘आज हमारे पास भारत के प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक उत्कृष्ट न्यायिक प्रणाली है। संविधान के संरक्षक के रूप में, भारतीय न्यायिक प्रणाली ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है और इस देश के लोगों द्वारा इसके प्रति उच्च सम्मान है।’’

शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों, न्यायमूर्ति वी. रामसुब्रमण्यम और एम एम सुंदरेश, मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश मुनीश्वर नाथ भंडारी, राज्य के कानून मंत्री एस रघुपति और महाधिवक्ता आर. षणमुगसुन्दरम ने हिस्सा लिया।

इस अवसर पर न्यायमूर्ति रमण ने उच्च न्यायालय परिसर में (अनुमानित 20.24 करोड़ रुपये की लागत से) नौ-मंजिले प्रशासनिक ब्लॉक के निर्माण की आधारशिला रखी।

उन्होंने 20.70 करोड़ रुपये की लागत से नमक्कल और विल्लुपुरम जिलों में निर्मित संयुक्त अदालत भवनों और न्यायिक अधिकारियों के क्वार्टर का भी उद्घाटन किया।

भाषा सुरेश दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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