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Friday, 17 May, 2024
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शाह के फर्जी वीडियो मामले में किसी भी राजनीतिक दल का सदस्य दिल्ली पुलिस के सामने पेश नहीं हुआ

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नयी दिल्ली, दो मई (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के फर्जी वीडियो से संबंधित मामले में बृहस्पतिवार को किसी भी राजनीतिक दल का एक भी सदस्य दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा की ‘इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस’ (आईएफएसओ) इकाई के समक्ष पेश नहीं हुआ। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने झारखंड, उत्तर प्रदेश के कुछ नेताओं और पूर्वोत्तर के एक व्यक्ति को तलब किया था। लेकिन बृहस्पतिवार को कोई भी पूछताछ के लिए नहीं आया।’’

शाह का फर्जी वीडियो अपलोड करने और साझा करने के मामले में दिल्ली पुलिस तेलंगाना कांग्रेस के सदस्यों को दूसरा नोटिस दे सकती है।

कांग्रेस की तेलंगाना इकाई के चार सदस्यों को बुधवार को आईएफएसओ के कार्यालय में पेश होना था, लेकिन वे पेश नहीं हुए। जांच से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हम उन्हें आईओ (जांच अधिकारी) के समक्ष पेश होने के लिए फिर से कहेंगे क्योंकि वे बुधवार को नहीं आए।’’

तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी और तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के चार सदस्यों – शिवकुमार अंबाला, अस्मा तसलीम, सतीश मन्ने और नवीन पेटम को दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 91 और 160 के तहत समन जारी किए गए थे।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति को सीआरपीसी की धारा 160/91 के तहत नोटिस दिया जाता है, तो वह व्यक्ति या तो जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित हो सकता है या अपना कानूनी प्रतिनिधि भेज सकता है।

बुधवार को रेड्डी के अधिवक्ता जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित हुए और उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता का शाह के भाषण के वीडियो से छेड़छाड़ या इसे पोस्ट करने से कोई लेना-देना नहीं है।

पुलिस के अनुसार झारखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश राज्यों के विभिन्न राजनीतिक दलों के लगभग 22 लोगों को मामले के संबंध में नोटिस जारी किया गया है और उन्हें बृहस्पतिवार, शुक्रवार व शनिवार को पुलिस के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है।

दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने शाह के फर्जी वीडियो को लेकर ‘इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर’ (आई4सी) की शिकायत पर रविवार को प्राथमिकी दर्ज की थी।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले आई4सी की शिकायत में कहा गया है कि वीडियो में शाह के बयान में धार्मिक आधार पर मुस्लिमों का कोटा खत्म करने की प्रतिबद्धता की बात है, जबकि छेड़छाड़ करके प्रसारित किए गए फर्जी वीडियो को देखकर लगता है कि शाह सभी तरह का आरक्षण खत्म करने की वकालत कर रहे थे।

भाषा खारी आशीष

आशीष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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