नयी दिल्ली, 16 मई (भाषा) दिल्ली सरकार ने एकल उपयोग वाले प्लास्टिक (एसयूपी) को चरणबद्ध तरीके से हटाने की अपनी योजना के तहत सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी के विद्यालयों को अपने परिसरों में पुन : उपयोग में आने वाले बर्तनों को रखने के लिए एक अलग कमरा तैयार करने का आदेश दिया।
इस आदेश से कुछ दिनों पहले सरकार ने घोषणा की थी कि उसने एक जून से दिल्ली सचिवालय से एकल उपयोग वाले प्लास्टिक उत्पादों पर पाबंदी लगाने का फैसला किया है।
शिक्षा निदेशालय (डीओई) ने विद्यालयों को भेजे पत्र में कहा है कि उन्हें प्लास्टिक के बर्तनों के स्थान पर स्टील या शीशे के या अन्य प्रकार के बर्तन लाने और उन्हें एक पृथक भंडार कक्ष (बर्तन भंडार) में रखने की जरूरत है।
पत्र में कहा गया है, ‘‘ ये चीजें विद्यालयों में रोजमर्रा के उपयोग तथा सभी कार्यक्रमों में प्लास्टिक के बर्तन के स्थान पर इस्तेमाल में लायी जाएंगी। ’’
पहले चरण में बर्तन भंडार स्थापित किये जाएंगे जबकि दूसरे चरण में विद्यालयों को अपशिष्ट प्रबंधन एवं एसयूपी पर सूचना, शिक्षण एवं प्रचार योजना लागू करने को गया है। विद्यालयों से कार्रवाई रिपोर्ट जमा करने को कहा गया है।
पिछले साल अगस्त में केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर एक जुलाई, 2022 से पॉलीस्टीरिन एवं विस्तारित पॉलीस्टीरिन समेत चिह्नित एसयूपी उत्पादों के विनिर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री एवं उपयोग पर रोक लगा दी है।
दिल्ली में सभी विनिर्माताओं, खुदरा विक्रेताओं, आम लोगों एवं दुकानदारों को पहले से ही 30 जून 2022 तक एसयूपी का कोई भंडार नहीं रखने को कह दिया गया है।
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राजकुमार नरेश
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