कोलकाता,28 अप्रैल (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि वह शुक्रवार को दिल्ली जाएंगी और इसके अगले दिन वहां आयोजित होने वाले एक राष्ट्रीय सम्मेलन में शरीक होंगी, जहां प्रधानमंत्री भी मौजूद होंगे। हालांकि, उन्होंने कहा कि वह उनसे (मोदी से) मुलाकात नहीं करेंगी क्योंकि मई दिवस और ईद के कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए वह यहां लौट आएंगी।
ममता ने बृहस्पतिवार को संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने अपनी वापसी का टिकट बुक करा लिया है।
मुख्यमंत्री ने बृहस्पतिवार को राज्य सचिवालय में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं कल (शुक्रवार को) दिल्ली पहुंच जाउंगी और अगले दिन (शनिवार को) लौटूंगी। मेरे टिकट बुक हो गये हैं। यही कारण है कि मैं इस बार प्रधानमंत्री से मुलाकात नहीं कर पाऊंगी। प्रधानमंत्री से मिलने के लिए मैंने समय नहीं लिया है। ’’
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने यह भी कहा कि वह मई दिवस कार्यक्रमों में शरीक होंगी और दो या तीन मई को रेड रोड पर ईद की नमाज में शरीक होंगी,हालांकि यह (ईद का) चांद नजर आने पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा कि वह पिछले कई वर्षों से इन कार्यक्रमों में शामिल होती आई हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिए 30 अप्रैल का दिन बहुत अहम होगा…अल्पसंख्यक, बंगाल की आबादी का 33 प्रतिशत हिस्सा हैं और मैं हर साल रेड रोड नमाज में शामिल होती हूं। मुझे इस साल भी शरीक होना होगा। और इसके बाद अक्षय तृतीया है। मैं सभी त्योहारों के कार्यक्रमों में शामिल होती हूं। ’’
अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री, प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश, देश भर की अदालतों में लंबित मामलों के विषय पर होने वाले सम्मेलन में आमंत्रित किये गये हैं।
इस बीच, ममता ने आरोप लगाया कि बुधवार को बुलाई गई प्रधानमंत्री की बैठक का एजेंडा कोविड-19 की स्थिति पर चर्चा करना नहीं था, जैसा कि घोषणा की गई थी, बल्कि पेट्रोल और डीजल की ऊंची कीमतों के लिए राज्य सरकारों को जिम्मेदार ठहराना था।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ईंधन की कीमतें घटाने की अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ना चाहती है। साथ ही, उन्होंने आशंका जताई कि मोदी सरकार जल्द ही कीमतें बढ़ा देगी।
ममता ने घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की कीमत फौरन 300 रुपये घटाने की केंद्र सरकार से मांग की।
ममता ने बुधवार की बैठक का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘मेरा मानना है कि कल कोविड से जुड़ा कोई एजेंडा नहीं था। असली एजेंडा (ईंधन की अधिक कीमतों के लिए) राज्य सरकारों को जिम्मेदार ठहराना था। आने वाले दिनों में, वे पेट्रोल और डीजल की कीमतें और बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। यही कारण है कि वे जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रहे हैं। ’’
उन्होंने दावा किया कि केंद्र ने पिछले कुछ महीनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम से कम 14 गुना बढ़ा दी हैं और ऊंची कीमतों के लिए राज्य सरकारों को जिम्मेदार ठहराया है।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह ईंधन की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ गैर-भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ केंद्र को पत्र लिखेंगी, ममता ने कहा, ‘‘क्या मतलब है? वे पत्रों का जवाब नहीं देते।’’
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सुभाष माधव
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