नयी दिल्ली, 12 मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को केंद्र को निर्देश दिया कि वह 82 वर्षीय कमला भट्टाचार्यजी की याचिका पर अद्यतन स्थिति रिपोर्ट दाखिल करे। कमला, कैप्टन संजीत भट्टाचार्यजी की मां हैं जो सीमा पर एक अभियान के दौरान लापता हो गए थे और कहा जाता है कि वह पिछले 25 साल से पाकिस्तान की जेल में बंद हैं।
न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़़, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने केंद्र की ओर से पेश अधिवक्ता से कहा, ‘‘मां ने अर्जी दाखिल की है जिसका बेटा सीमा पर कार्रवाई के दौरान लापता हो गया । आप (केंद्र) मामले पर अद्यतन रिपोर्ट दाखिल करें और बताएं कि क्या कदम उठाए गए हैं। हम दूसरे देश को निर्देश नहीं दे सकते।’’
हाल में केंद्र सरकार ने इस अर्जी के जवाब में दाखिल हलफनामे में कहा था कि 83 रक्षा कर्मी लापता हैं जिनमें से 62 रक्षा कर्मी वर्ष 1965 और वर्ष 1971 के युद्धबंदी हैं , जिनकी रिहाई के लिए भारत, पाकिस्तान से कूटनीतिक और अन्य उपलब्ध माध्यमों से कोशिश कर रहा है।
अर्जी पर सरकार ने विदेश मंत्रालय के जरिये हलफनामा दाखिल किया है। अर्जी में कमला ने अदालत से अनुरोध किया है कि वह केंद्र को कूटनीतिक माध्यम से उनके बेटे की वापसी के लिए कदम उठाने का निर्देश दे जो गत 25 साल से पाकिस्तान की जेल में बंद है।
अर्जी में कहा गया कि याचिकाकर्ता को सूचना मिली है कि संजीत लाहौर की कोट लखपत जेल में कैद हैं। उन्होंने बताया कि संजीत को अगस्त 1992 में भारतीय सेना के गोरखा रेजीमेंट में अधिकारी के तौर पर कमीशन मिला था।
याचिकाकर्ता ने कहा कि उनके परिवार को अप्रैल 1997 में सूचना मिली कि उनका बेटा गुजरात के कच्छ के रण में पाकिस्तान से लगती सीमा पर रात को गश्त करने गया था तभी पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा अंतरराष्ट्रीय सीमा पर जमीनी कार्रवाई कर उसे पकड़ लिया गया।
भाषा धीरज नरेश
नरेश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.