(फाइल फोटो के साथ)
हावेरी (कर्नाटक), 15 अप्रैल (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने शिगगांव विधानसभा सीट से शनिवार को अपना नामांकन दाखिल किया और विश्वास जताया कि वह सबसे ज्यादा वोट पाकर फिर से जीतेंगे।
कर्नाटक में 10 मई को विधानसभा चुनाव होने हैं।
बोम्मई ने रिटर्निंग अधिकारी को अपना पर्चा जमा कराया। इस दौरान, लोक निर्माण मंत्री सी सी पाटिल, हावेरी-गदग के सांसद शिवकुमार उदासी और बेटे भरत बोम्मई सहित अन्य लोग उनके साथ थे।
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और जनता परिवार के नेता दिवंगत एस आर बोम्मई के बेटे बसवराज बोम्मई 2008 से तीन बार शिगगांव से विधायक चुने जा चुके हैं।
नामांकन दायर करने से पहले कंधे पर भगवा रंग की शॉल डालकर 63 वर्षीय मुख्यमंत्री शिगगांव में एक देवी के मंदिर में गए।
नामांकन दायर करने के बाद बोम्मई ने कहा, “मैंने आज अपना नामांकन दाखिल किया है। मेरी शिगगांव सीट के लोगों ने अतीत में मुझे जबरदस्त समर्थन दिया है और इस बार भी, मुझे सभी रिकॉर्ड तोड़ने और सबसे अधिक मतों से जीतने का विश्वास है। यहां के लोग जागरूक मतदाता हैं और वे विकास के लिए मतदान करते हैं।”
उन्होंने कहा कि आज अच्छा मुहूर्त था, इसलिए उन्होंने अपना नामांकन दायर किया है।
बोम्मई ने कहा कि वह 19 अप्रैल को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा और अन्य वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में एक बार फिर नामांकन दाखिल करेंगे।
यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस उनके खिलाफ मजबूत उम्मीदवार खड़ा करने पर विचार कर रही है, मुख्यमंत्री ने कहा, “विरोधी तो विरोधी होता है, चाहे मजबूत हो या कमजोर। मैं सबको समान रूप से देखूंगा। विरोधी होंगे, तभी मुकाबला होगा। मुझे अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों पर भरोसा है, जिन्होंने मेरा समर्थन किया है।”
बोम्मई ने 2018 के विधानसभा चुनावों में शिगगांव सीट पर करीब 9,260 मतों से जीत हासिल की थी।
उन्होंने जनता दल से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी और धारवाड़ स्थानीय प्राधिकरण निर्वाचन क्षेत्र से दो बार (1998 और 2004 में) कर्नाटक विधान परिषद के सदस्य रहे। उन्होंने मुख्यमंत्री के संसदीय सचिव और विपक्ष के उपनेता के रूप में भी कार्य किया था।
बोम्मई ने 2008 में जनता दल (यूनाइटेड) छोड़ दी और भाजपा में शामिल हो गए। उसी वर्ष हुए विधानसभा चुनावों में वह हावेरी जिले की शिगगांव सीट से विधायक चुने गए। इसके बाद उन्होंने 2013 और 2018 के विधानसभा चुनावों में इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा।
भाषा
नोमान पारुल
पारुल
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.