नयी दिल्ली, 22 मई (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि घोड़े भारत के गौरवशाली इतिहास और संस्कृति का एक अभिन्न अंग रहे हैं। उन्होंने सशस्त्र बलों में घोड़ों के योगदान और सेवाओं की सराहना की।
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति के अंगरक्षक बेड़े में शामिल रहे घोड़े ‘विराट’ की विशेष रूप से सराहना की। यह घोड़ा इस साल की शुरुआत में 73वीं गणतंत्र दिवस परेड के बाद अपनी वर्षों की सेवा के बाद सेवानिवृत्त हो गया था।
मोदी ने कर्नल (सेवानिवृत्त) एच. एस. सोढ़ी को लिखे एक पत्र में कहा कि घोड़े ‘‘हमारे समृद्ध और गौरवशाली इतिहास और संस्कृति’’ का एक अभिन्न अंग रहे हैं।
सोढ़ी ने इससे पहले गणतंत्र दिवस के मौके पर ‘विराट’ के प्रति स्नेह दिखाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए एक पत्र लिखा था और उन्हें धन्यवाद कहा था।
सोढ़ी ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री को लिखा था कि ‘विराट’ की सेवाओं का सम्मान करते हुए उन्होंने गणतंत्र दिवस परेड को खास और यादगार बना दिया है।
प्रधानमंत्री ने लिखा कि महाराणा प्रताप और रानी लक्ष्मी बाई जैसे वीर योद्धाओं के अपने घोड़ों के साथ विशेष लगाव और उनकी वीरता की कहानियां भी प्रसिद्ध हैं।
सोढ़ी के अनुसार मोदी ने पत्र में कहा, ‘विराट’ और घुड़सवार रेजिमेंट के अन्य बहादुर घोड़े आज भी इस अनूठी परंपरा को निभा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि घुड़सवार रेजिमेंट और सशस्त्र बल इस गौरवशाली परंपरा को जारी रखेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में भी ‘विराट’ की तारीफ की थी।
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देवेंद्र नरेश
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