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Friday, 1 November, 2024
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पाकिस्तान से भारत लौटीं गीता अब आठवीं पास होने की दौड़ में

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इंदौर (मध्यप्रदेश), 16 मई (भाषा) बहुचर्चित घटनाक्रम के दौरान पड़ोसी पाकिस्तान से वर्ष 2015 में अपने देश भारत लौटीं गीता आठवीं की परीक्षा में बैठने के लिए तैयार हैं। मध्यप्रदेश के राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड ने अगले हफ्ते से शुरू होने वाली इस परीक्षा में शामिल होने के लिए 33 वर्षीय मूक-बधिर महिला की अर्जी मंजूर कर ली है। बोर्ड के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड के संचालक प्रभात राज तिवारी ने ‘‘पीटीआई-भाषा’’ को बताया, ‘‘गीता का आवेदन मंजूर करते हुए हमने उन्हें कक्षा आठ की परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी है। उन्हें परीक्षा का प्रवेश पत्र जल्द ही मिल जाएगा।’’

अधिकारियों ने बताया कि राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड की आयोजित कक्षा आठ की परीक्षा 21 मई से शुरू होकर 28 मई तक चलेगी।

इंदौर की गैर सरकारी संस्था ‘‘आनंद सर्विस सोसायटी’’ कक्षा आठ की परीक्षा में बैठने में गीता की मदद कर रही है। संस्था के सचिव ज्ञानेंद्र पुरोहित ने बताया कि गीता का असली नाम राधा है और वह इन दिनों महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में अपनी मां मीना पांढरे के साथ रह रही हैं।

उन्होंने बताया, ‘पाकिस्तान से भारत लौटने के बाद गीता करीब पांच साल तक इंदौर में रही थीं। इस दौरान उन्होंने 2020 में कक्षा पांच उत्तीर्ण कर ली थी, लेकिन बाद में कोविड-19 के प्रकोप और अन्य कारणों से उनकी पढ़ाई आगे बढ़ नहीं सकी।’’

पुरोहित ने वीडियो कॉल के जरिये इशारों की जुबान में गीता से बातचीत के हवाले से बताया कि पढ़-लिखकर वह आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनना चाहती हैं। उन्होंने बताया, ‘‘अगर गीता आठवीं पास कर लेती हैं, तो वह दिव्यांग कोटा के तहत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए होने वाली सरकारी भर्ती की पात्र बन सकती हैं।’’

पुरोहित ने बताया कि गीता, औरंगाबाद के गैर सरकारी संगठन ‘प्रोग्रेसिव लाइफ सेंटर’ की मदद से कक्षा आठ की परीक्षा की तैयारी कर रही हैं।

पुरोहित की पत्नी और सांकेतिक भाषा की जानकार मोनिका पुरोहित भी गीता को ऑनलाइन कक्षा के जरिये परीक्षा की तैयारी करा रही हैं। मोनिका ने कहा, ‘‘गीता पूरी लगन से आठवीं की परीक्षा की तैयारी कर रही हैं। उन्हें हालांकि हिन्दी और संस्कृत में थोड़ी मुश्किलें हो रही हैं, लेकिन मुझे भरोसा है कि वह अपनी लगन के जरिये इन मुश्किलों से पार पा लेंगी।’’

अधिकारियों के मुताबिक गीता की उम्र 33 साल के आस-पास आंकी जाती है। वह बचपन में गलती से रेल में सवार होकर सीमा लांघने के कारण करीब 23 साल पहले पाकिस्तान पहुंच गयी थीं। पाकिस्तानी रेंजर्स ने गीता को लाहौर रेलवे स्टेशन पर समझौता एक्सप्रेस में अकेले बैठा हुआ पाया था।

मूक-बधिर लड़की को पाकिस्तान की सामाजिक संस्था ‘ईधी फाउंडेशन’ की बिलकिस ईधी ने गोद लिया और अपने साथ कराची में रखा था।

तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज (अब दिवंगत) के विशेष प्रयासों के कारण गीता 26 अक्टूबर 2015 को स्वदेश लौट सकी थीं। इसके अगले ही दिन उन्हें इंदौर में एक गैर सरकारी संस्था के आवासीय परिसर भेज दिया गया था। वर्ष 2021 में महाराष्ट्र में अपने परिवार का पता चलने के बाद गीता इस राज्य में रह रही हैं।

भाषा हर्ष मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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