नयी दिल्ली, 25 अप्रैल (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सत्य निकेतन इलाके में सोमवार को तीन मंजिली इमारत के ढह जाने की घटना में वहां काम कर रहे दो श्रमिकों की मौत हो गयी जबकि तीन अन्य को बचावकर्मियों ने मलबे से बाहर निकाल लिया । मौके पर मौजूद एक अन्य श्रमिक बाल-बाल बच गया । पुलिस ने इसकी जानकारी दी ।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि तीन मंजिला इमारत के जीर्णोंद्धार का काम चल रहा था उसकी दौरान यह ढह गया । उन्होंने बताया कि घटना के समय इमारत के बाहर मौजूद एक अन्य मजदूर बाल-बाल बच गया । पुलिस ने बताया कि मामले में प्राथमिकी दर्ज की गयी है ।
दक्षिण दिल्ली नगर निगम ने इस घटना की जांच के आदेश दिये हैं ।
पुलिस ने बताया कि दोपहर बाद करीब 1.25 बजे साउथ कैंपस पुलिस थाने में सत्य निकेतन में इमारत गिरने के बारे में पीसीआर कॉल मिली ।
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण-पश्चिम) मनोज सी ने कहा, ‘‘इमारत के बाहर मौजूद एक मजदूर बाल-बाल बच गया। उसे चोट लगी है और उपचार के लिये अस्पताल में भर्ती कराया गया है ।’’
उन्होंने कहा, ‘‘दक्षिण पश्चिम जिला पुलिस ने दिल्ली दमकल सेवा और एनडीआरएफ की सहायता से मौके पर बचाव अभियान शुरू किया और (मलबे में फंसे) सभी पांच मजदूरों को बचा लिया है ।’’
उन्होंने कहा कि दो मजदूरों की बाद में मौत हो गई और शेष चार का इलाज चल रहा है।
डीसीपी ने कहा, ‘‘मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।’’
पुलिस ने कहा कि मृतकों की पहचान बिलाल और नसीम के रूप में हुई है और घायलों की पहचान मोहम्मद फिरदौस, असलम, सरफराज और मुसाहिद के तौर पर की गयी है ।
राहत और बचाव अभियान तीन घंटे से अधिक समय तक चला।
इससे पहले दिल्ली दमकल सेवा के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया, ‘‘हमें अपराह्र लगभग 1:24 बजे यहां सत्य निकेतन इमारत संख्या 173 में एक मकान के गिरने की सूचना मिली। इसके बाद दमकल की छह गाड़ियां मौके पर भेजी गईं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि, यह इमारत एक घनी आबादी वाली इलाके में है, इसलिये मुख्य चुनौती बचाव वाहनों को अंदर ले जाने की थी। यह कठिन काम था ।
मौके पर एक पुलिस की टीम भी मौजूद है ।
गर्ग ने बताया कि इमारत के मलबे में फंसे सभी पांच मजदूरों को बचा लिया गया है और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है। उन्होंने बताया कि बचाव अभियान समाप्त हो गया है ।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने जीवित बचे लोगों की तलाश के लिए अपने खोजी कुत्तों को काम में लगाया था और ड्रीलिंग मशीन और कटर का इस्तेमाल किया ।
एनडीआरएफ के एक कर्मी ने बताया कि सभी मजदूर इमारत के किचेन वाले क्षेत्र में फंसे हुये थे ।
दमकल विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच के अनुसार, ऐसा लगता है कि इमारत मरम्मत के लिए अच्छी स्थिति में नहीं थी।।
उन्होंने कहा, ‘‘यह एक पुरानी इमारत थी और मरम्मत के लिये अच्छी स्थिति में नहीं थी। हमें जांच में पता चला है कि इसे पीजी में बदलने के लिए मरम्मत का काम किया जा रहा था । इसलिए, उन्होंने ढांचे के कुछ हिस्से को तोड़ा होगा, जिससे वह गिर गया ।’’
उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि मरम्मत का काम चल रहा था, इसलिये इसमें कोई नहीं रह रहा था। यह भी पता चला है कि इसकी कोई उचित भवन योजना नहीं थी। यह नियोजित निर्माण भी नहीं था और संबंधित अधिकारियों द्वारा मंजूरी भी नहीं ली गयी थी ।’’
दक्षिण दिल्ली के महापौर मुकेश सूर्यन ने कहा कि नगर निकाय इमारत गिरने के मामले की जांच शुरू करेगा ।
उन्होंने बताया कि इमारत में मरम्मत के कार्य करने के लिए गृहस्वामी को पिछले महीने नोटिस दिया गया था। उन्होंने कहा कि 11 अप्रैल को दिल्ली पुलिस से मरम्मत को रोकने का अनुरोध किया गया था।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस हादसे को ‘‘बेहद दुखद’’ करार देते हुये कहा कि वह बचाव अभियान की निगरानी कर रहे हैं ।
केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘ये हादसा बेहद दुखद है। ज़िला प्रशासन राहत और बचाव के काम में जुटा है। मैं ख़ुद घटना से संबंधित हर जानकारी ले रहा हूं।’’
भाषा रंजन रंजन नेत्रपाल माधव
माधव
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